इंदौर: इंदौर हमेशा कई चीजों में नंबर वन रहा है और कई बार यहाँ के लोग ऐसे कारनामे कर जाते हैं कि वह चर्चाओं में आ जाते हैं। अब आजकल प्लेन के सफर से लेकर कई अस्पतालों में इलाज तक के लिए कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जरूरी हो गया है। इसके चलते लोगों को या तो सर्टिफिकेट का प्रिंट आउट साथ रखना होता है या फिर वे मोबाइल में उसे डाउनलोड करते हैं। अब इन सभी से बचने के लिए मध्य प्रदेश के इंदौर के लोगों ने नई तरकीब निकाली है। जी दरअसल यहाँ पर लोग मोबाइल कवर पर ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट प्रिंट करा रहे हैं। जी हाँ और उनका कहना है कि इससे मोबाइल तो अट्रैक्टिव बन ही रहा है, लोगों के सर्टिफिकेट रखने की परेशानी भी दूर होगी। कवर पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट प्रिंट करने वाले लोगों का कहना है कि लगातार इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है। उनके पास रोजाना करीब 30 ऑर्डर आ रहे हैं। आप सभी को बता दें कि इंदौर के काछी मोहल्ले में इन कवर को बनाने वाले कृष्णकांत शर्मा ने यह दावा किया है कि उन्होंने ही इसकी शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुद कई जगह जाने पर वैक्सीनेशन के सेकंड डोज का सर्टिफिकेट साथ रखना पड़ता था, या मोबाइल में डाउनलोड करना पड़ता था। इस दौरान कई बार मोबाइल में नेटवर्क नहीं आने के कारण या तुरंत नहीं मिलने पर समय खराब होता है। इसी के चलते उनके मन में विचार आया कि उनका खुद का काम मोबाइल कवर कस्टमाइजेंशन का है तो क्यों न वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट ही मोबाइल के कवर पर प्रिंट किया जाए। ऐसे में उन्होंने मोबाइल कवर पर इसे प्रिंट किया, जिसके बाद कई लोगों को ये पसंद आया और उन्होंने भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट वाले मोबाइल कवर प्रिंट करवाए। उनका कहना है अब रोजाना 25 से 30 लोग मोबाइल पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट प्रिंट करा रहे हैं। आपको बता दें कि यह UV प्रिंटिंग होती है और इसके कारण प्रिंट खराब भी नहीं होता है। इन कवर की कीमत 150 रुपए से लेकर 350 रुपए तक की है। इंदौर: कमिश्नर सिस्टम लागू होते ही पहले कमिश्नर बने हरिनारायणचारी मिश्रा, कही यह बात 'माफ कीजिएगा..हम कटरीना की शादी का फोटो नहीं छाप रहे, क्योंकि..' वायरल हुई इस अख़बार की कटिंग आज से इंदौर -भोपाल में लागू हुई पुलिस कमिश्नर प्रणाली