रियाद: आज के समय में बीमारी हो या कोई आपदा दोनों ही मानव जीवन पर संकट बन ही जाती है. जिसमे से एक है कोरोना वायरस यह एक ऐसी बीमारी है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. वहीं इस वायरस की चपेट में आने से 170000 से अधिक मौते हो चुकी है, जबकि लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए है. ऐसे में वैज्ञानिकों के लिए यह कहना जरा मुश्किल सा है कि इस बीमारी से कब तक निजात मिल पाएगा. जंहा इस बात का ख्याल रखते हुए सऊदी अरब ने सोमवार को दो प्रमुख मस्जिदों- ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद में प्रार्थना के निलंबन को बढ़ा दिया. वहीं यह कदम रमजान के उपवास महीने के दौरान कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया. दो प्रमुख मस्जिदों के अध्यक्ष जनरल, शेख डॉ अब्दुल्रहमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल-सुदैस ने एक ट्वीट में कहा कि मक्का में मस्जिद अल-हरम और अल मस्जिद अल-नबावी पूरे महीने प्रार्थना (अदन) का प्रसारण करेंगे, लेकिन मस्जिद पूरी तरह से बंद रहेगी, जिससे कोई नमाजी अंदर नहीं आ सकता. जंहा इस बात का पता चला है कि रमजान दुनिया भर में मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना है. रमजान के पूरे महीने (29 या 30 दिन) तक मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं, कुरान पढ़ते हैं. हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं. मुस्लिम समुदाय के लोग साल भर रमजान का बेसब्री से इंतजार करते हैं. रमजान के दौरान मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक खाने या पीने से परहेज करते हैं. दिन का समापन तरावीह के साथ होता है. इस बार रमजान का पाक महीना चांद दिखने पर 24 या 25 अप्रैल से शुरू होगा. WHO ने दी चेतावनी, जल्द हो सकते है और भी बुरे हाल सामने आई पाक की बड़ी लापरवाही, मस्जिदों में दी नमाज़ पढ़ने की अनुमति इटली में सुधरे हाल संक्रमित लोगों की संख्या में आई गिरावट