कोरोना महामारी की दवा की खोज के लिये दुनिया भर में अध्ययन जारी है. इसी संबंध में सीरम इंस्टीट्यूस पुणे औऱ इंग्लैंड की ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी ने कोविशिल्ड नाम की दवा को तैयार किया है. इसका पहला ट्रायल इंग्लैड में हो चुका है, जबकि दूसरे औऱ तीसरे फेज का ट्रायल भारत में होगा. इसके लिये देश के 17 मेडिकल इंस्टीट्यूट्स को जिम्मा सौंपा गया है. पीजीईआई चंडीगढ़ इनमें से एक है. पीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर जगत राम ने मीडिया से मंत्रणा में बताया कि हमारे लिये ये गर्व की बात है. 13 साल की बच्ची को अपनी हैवानियत का शिकार बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार बता दे कि कोविशिल्ड दवा के दूसरे चरण के ट्रायल भारत मे होंगे. पीजीआई में हम जल्द ही इस पर कार्य प्रारंभ करने जा रहे है. कुछ ही दिनों में हमे एथिकल परमिशन मिल जायेगी. इसके बाद हमारी एक टीम अपना कार्य प्रारंभ करेगी. देश के नए CAG बने जम्मू कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू इसके अलावा पीजीईआई में कम्युनिटी मेडीसीन डिपार्टमेंट की चिकित्सक मधु गुप्ता इस टीम की कप्तानी करेंगीं. जगत राम ने कहा कि देश मे 1600 लोगों पर इसका परीक्षण होगा. चंडीगढ़ में हम 18 वर्ष से ऊपर के स्वस्थ लोगों पर इसका परीक्षण करेंगे. इन लोगों की पहले सभी जांच होगी. जांच में सब कुछ सही पाए जाने के पश्चात इनको इंजेक्शन लगाया जाएगा. फिर 28 दिन बाद दूसरी डोज दी जायेगी. इस समय देखा जायेगा कि बॉडी मे कितनी एन्टी बॉडी तैयार हो सकती है. उनके बयान के बाद इस दवा को लेकर बहुत सारी उम्मीद बंध गई है. अगर दवा सफल होती है, तो कोरोना रोगी के इलाज में प्रभावी मदद मिल सकती है. पीएम मोदी के बयान पर थरूर का हमला, कहा- CAA-NRC के बाद 8 करोड़ लोगों को भूल जाना चिंता की बात 15 अगस्त से शुरू हो सकती है दिल्ली मेट्रो, केंद्रीय मंत्री ने दिए संकेत क्या आप जानते है हॉकी में भी लिया जाता है कैच, जानिए इस खेल के नियम