निवाड़ी: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में पहली वर्षा ने भ्रष्टाचार की परत खोल कर रख दी है। करोड़ों की लागत से बने जामनी पुल में दरार पड़ने से उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न उठ रहे हैं, चौंकाने वाली बात यह है कि पुल मौसम की पहली वर्षा भी नही झेल पाया। लगभग 5 महीने पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ओरछा में इस पुल का लोकार्पण किया था। दरार की खबर से निवाड़ी प्रशासन हरकत में आया तथा उस जगह पर पत्थर और बैरिकेड लगाकर आवागमन रोक दिया। जिले में 2 दिन से निरंतर हो रही वर्षा से चारों और पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। वहीं ओरछा के जामनी पुल में लंबी-लंबी दरारें आ चुकी हैं। यह पुल मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ एवं यूपी के झांसी को जोड़ने वाली सड़क पर बना है। पुल की पिचिंग में आई दरार से प्रशासन की सांसें ऊपर-नीचे हो गई हैं। दरार की खबर से इससे गुजरने वाले वाहन चालकों में भय व्याप्त हो गया। जामनी नदी का पुल 820 मीटर लंबा है जिसमे 150-150 मीटर दोनो ओर एप्रोच रोड बनाई गई है। इसकी लागत 45 करोड़ रुपये है। पुल के एप्रोच रोड में कई स्थानों पर दरार आने के पश्चात् पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने दरार वाले हिस्से के किनारे पत्थर लगा दिए। जिससे वाहन चालक हादसे से बच सकें। इस पुल की मांग कई सालों से हो रही थी। बता दें कि निवाड़ी जिला के प्रभारी लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव हैं। ओरछा की बेतवा नदी एवं जामनी नदी के पुल की ऊंचाई कम होने की वजह से वर्षा का पानी इनके ऊपर आ जाता है। जिसको देखते हुए प्रशासन वर्षा के दिनों में 4 महीने के लिए पुलों पर आवागमन बंद कर देता था। ऐसे में टीकमगढ़ एवं पृथ्वीपुर के लोगों को झांसी जाने के लिए 30 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता था। नए पुल के निर्माण से यह दूरी कम हो गई थी। इसका सीधा फायदा टीकमगढ़, ओरछा झांसी के लोगों को मिलने लगा। किन्तु फुल में आई दरार के कारण लोगों की जुबान पर भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी का चर्चाएं हो रही हैं। 'बाबा बागेश्वर की तरह चालान होगा क्या?', बिना सीट बेल्ट सफारी में दिखे CM स्टालिन तो BJP ने पूछा सवाल कश्मीर में सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी, बॉर्डर पर ही ढेर कर दिए 4 पाकिस्तानी आतंकी अफसरों ने नहीं दी छुट्टी तो SDM ने दे दिया इस्तीफा, बोली- 'मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं हैं'