नई दिल्ली : सरकार देश के विशाल डेटा को संभालने और समझने के लिए एक एडवांस टेक्नोलॉजी प्लैटफॉर्म बनाने पर विचार कर रही है.सरकार के इस प्रयास से नागरिक, सरकारी खर्च और नीतियों की सफलता, उपभोग ट्रेंड आदि को समझने में सहायता मिलेगी.ख़ास बात यह है कि यह डेटा संग्रह समग्र रूप में होगा .व्यक्तिगत व पहचान योग्य डेटा संग्रहित नहीं किया जाएगा. इस बारे में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीति आयोग निजी संस्था के मिलकर नैशनल डेटा ऐंड एनालिटिक्स प्लैटफॉर्म विकसित करने के विचार पर काम कर रहा है.इसका उद्देश्य सरकार के कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाना और नागरिकों को भी इस डेटा तक पहुंच देना है. बताया जा रहा है कि डेटा के गहरे विश्लेषण के लिए आर्टफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा. नागरिकों, नीति निर्माताओं और शोधकर्ताओं के लिए यह क्षेत्रवार डेटा का एकमात्र स्रोत होगा.इस प्लेटफॉर्म के विकास और संचालन के लिए नीति आयोग साझेदार की तलाश में है.हालाँकि आईटी मंत्रालय के पास ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लैटफॉर्म data.gov.in है, जिस पर डेटा के सैकड़ों समूह हैं, लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर विश्लेषण की क्षमता नहीं होने से यह नई कवायद की जा रही है. यह भी देखें सीबीडीटी ने आयकर रिटर्न का सहज फार्म जारी किया रिजर्व बैंक ने तीन बैंकों के सीईओ का बोनस क्यों रोका ?