2 अप्रैल का दिन भारतीय इतिहास में सुनहरे पन्नों में दर्ज है. इसी दिन यानी आज से ठीक 7 साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की बदौलत 1983 के कारनामे को दोहराया था. भारत ने इस दिन 28 साल बाद विश्व क्रिकेट का ख़िताब अपने नाम किया था. साल 2011 में वनडे विश्व कप का आयोजन संयुक्त रूप से पड़ोसी देश श्रीलंक, बांग्लादेश और भारत में किया गया था. भारतीय क्रिकेट टीम इससे पहले साल 2007 में हुए टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में विश्व कप का ख़िताब अपने नाम कर चुकी थी. इसे देखते हुए साल 2011 वनडे विश्व कप में भी हर किसी को उम्मीद थी कि भारतीय टीम यह विश्व कप भी अपने नाम करेगी. और हुआ भी कुछ ऐसा ही. भारत ने आज ही के दिन 7 साल पहले 2011 विश्व कप का ख़िताब अपने नाम करते ही सवा सौ करोड़ भारतीयों को जश्न मनाने का मौका दे दिया. साल 2011 में विश्व कप का फाइनल मुकाबला भारत और श्रीलंका के बीच भारत की आर्थिक राजधानी मुम्बई में वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था. इस महामुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम के समक्ष 275 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया था. जवाब में लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत काफी खराब रही थी. 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर और उनके विस्फोटक साझेदार वीरेंद्र सहवाग बेहद सस्ते में ही पैवेलियन लौट गए थे. भारतीय टीम अपने शुरुआती दो बड़े विकेट खोकर संकट में थी. ऐसे में टीम को संकट से उबारते हुए गौतम गंभीर ने साहस भरी 97 रन की पारी खेली. गौतम के आउट होने के बाद भारतीय पारी को कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और हरफनमौला युवराज सिंह ने संभाला. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी शनदार लय में नजर आ रहे थे, और उन्होंने पूरी तरह से श्रीलंका के मंसूबों पर पानी फेर दिया. 49वें ओवर की दूसरी गेंद पर जैसे ही महेंद्र सिंह धोनी ने शानदार छक्का लगाया वैसे ही भारत ने विश्व कप का ख़िताब अपने नाम कर लिया. धोनी ने 91 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया. विश्व कप 2011 में युवराज सिंह को 'मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट' जबकि एमएस धोनी को 'मैन ऑफ़ द' मैच' के ख़िताब से नवाजा गया था. धोनी देंगे प्रशिक्षण तो भारत फिर जीतेगा विश्व कप : सहवाग जन्मदिन विशेष: जब न्यूड होकर मैदान में दौड़ने को तैयार थी पूनम पांडे बड़ी खबर: IPL2018 में फिंच नहीं सहवाग होंगे पंजाब के ओपनर !