नई दिल्ली : हाल ही में मिली जानकारी अनुसार ज्ञात हुआ है कि अब चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले सभी क्रिकेटर्स का डोप टेस्ट किया जाएगा. इसकी सबसे खास बात यह है कि पहली बार डोप टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिया जाएगा. वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी की गाइडलाइन्स के हवाले से ज्ञात हुआ है कि यह टेस्ट जून में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले होगा. बता दें कि अब तक डोप टेस्ट के दौरान क्रिकेटर्स यूरिन सैंपल देंगे. एक अंग्रेजी अख़बार के मुताबिक WADA ने इस ब्लड टेस्ट को स्मार्ट टेस्ट कहां है. इस टेस्ट के माध्यम से क्रिकेटर्स का 'एथलीट बायोलॉजिकल पासपोर्ट' तैयार किया जाएगा, जैसा दुनिया में दूसरे एथलीट्स का तैयार किया जाता रहा है. जानकारी के लिए बता दे कि किसी एथलीट का बायोलॉजिकल पासपोर्ट की तरह होता है, जिसे रेफरेंस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. वही इस मुद्दे पर BCCI के एक सोर्स ने मीडिया को बताया कि, "क्रिकेटर्स के ब्लड सैंपल को 10 साल तक रखा जाएगा, खिलाड़ियों से ब्लड सैंपल हर 6 महीने लिया जाएगा और इसे ऑरिजिनल से मैच किया जाएगा" वही सोर्स ने ब्लड सैंपल की जरूरत के बारे में बताते हुए कहां कि "क्रिकेट को स्किल बेस्ड स्पोर्ट माना जाता रहा है, इसलिए इसमें डोपिंग की आशंकाएं काफी कम बचती हैं. लेकिन टी20 के आने के बाद क्रिकेटर को स्किल से ज्यादा पावर और स्टेमिना की जरूरत पड़ रही है. दुनिया में पावर और स्टेमिना वाले दूसरे खेलों में डोपिंग पाई जाती है. अब ब्लड सैंपल से होगा क्रिकेटर्स का डोप टेस्ट सचिन सहवाग की मुलाकात की तस्वीरे दक्षिण अफ्रीका - श्रीलंका मैच के दौरान ऐसा कुछ हुआ कि सभी खिलाडी निचे गिर गए