'क्राइम सीन से हुई छेड़छाड़', कोलकाता कांड को लेकर CBI ने किए चौंकाने वाले खुलासे

कोलकाता: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में अपनी स्टेटस रिपोर्ट पेश की। CBI ने दावा किया है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में अपराध स्थल को छेड़ा गया था तथा पुलिस ने अंतिम संस्कार के बाद FIR दर्ज की। चिकित्सालय प्रशासन की ओर से पूरी तरह से उदासीनता बरती गई तथा मामले की सूचना परिजनों को काफी देर से दी गई।

CBI ने मामले से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने ममता सरकार के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि अननेचुरल डेथ की एंट्री सुबह 10:10 बजे दर्ज की गई, लेकिन एफआईआर रात 11:30 बजे क्यों दर्ज की गई? कोर्ट ने इसे परेशान करने वाला मानते हुए सवाल उठाया कि पोस्टमार्टम कब हुआ। सिब्बल ने जवाब दिया कि पोस्टमार्टम शाम 6 से 7 बजे के बीच किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर यह अननेचुरल डेथ नहीं थी तो पोस्टमार्टम की जरूरत क्यों पड़ी?

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस से पूछा कि अननेचुरल डेथ केस कब दर्ज किया गया। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि इतनी देर क्यों लगी। जस्टिस पारदीवाला ने पोस्टमार्टम के समय पर सवाल उठाए और पूछा कि पोस्टमार्टम के पहले एफआईआर क्यों दर्ज की गई। सिब्बल ने कहा कि उनके पास पूरी टाइमलाइन है और वह मिनट-टू-मिनट जानकारी दे सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यह केस बेहद चौंकाने वाला है और 30 वर्षों के करियर में उन्होंने ऐसा लापरवाही भरा मामला नहीं देखा। कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश दिया और कहा कि 36-48 घंटे की ड्यूटी उचित नहीं है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पुलिस का आरोप गलत है कि डॉक्टर की मौत से सदमे में आए पिता ने एफआईआर दर्ज करने के लिए नहीं कहा था। मेहता ने कहा कि एफआईआर पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई, अस्पताल ने नहीं।

संदीप घोष की गिरफ्तारी की संभावना CBI ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। जांच में पता चला है कि अपराध स्थल में बदलाव किया गया और अस्पताल के अधिकारियों ने मामले को संवेदनशीलता से नहीं संभाला। सीबीआई का कहना है कि संदीप घोष ने हत्या की सूचना मिलने के बाद भी कोई सक्रिय कार्रवाई नहीं की और रेनोवेशन का काम भी जांच के दायरे में है।

CBI ने मृतका के साथ बलात्कार और हत्या में संजय रॉय की संलिप्तता की पुष्टि की है। फॉरेंसिक रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि संजय रॉय ने ही अपराध किया। हालांकि, यह गैंगरेप और हत्या का मामला प्रतीत नहीं हो रहा है, और सीबीआई को अभी भी ज्यादा लोगों की संलिप्तता की जांच करनी है।

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