बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति पर लगेगी रोक, हुआ यह कानून तैयार

भोपाल/ब्यूरो।  राज्य शासन ने बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति बढ़ने पर रोक लगाने के लिए अब किशोर न्याय अधिनियम-2015 को संशोधित कर किशोर न्याय नियम-2022 तैयार किया है। अब इसे इंदौर सहित सभी जिलों में लागू किया जाएगा। उपसचिव अजय पटेसरिया द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब हर जिले में न्याय बोर्ड पुन: स्थापित किया जाएगा। किसी भी श्रेणी में अपराधी घोषित हुए बच्चों के लिए यह योजना तैयार की गई है। उद्देश्य यह है कि ये अपराध से दूर होकर परिवार या समाज के साथ सुखद जीवन बिता सकें।

प्रत्येक जिले के लिए एक या अधिक बोर्ड गठित किए जाएंगे और उसमें सदस्यों की नियुक्ति भी होगी। हर तीन या छह महीने में एक रिपोर्ट किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष रखी जाएगी। इसमें बोर्ड के समक्ष लाए बच्चों की संख्या, निपटाए गए केस की संख्या, जेल निरीक्षण रिपोर्ट और उसमें किसी तरह की अनुशंसा हो, वो भी बोर्ड के सामने रखी जाएगी। रिपोर्ट में की गई अनुशंसा के आधार पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बोर्ड को वार्षिक निर्देश जारी करेंगे। बालक से बात करते समय बोर्ड उनके शारीरिक हाव-भाव, चेहरे के भाव, नजरों, बोलचाल का लहजा, आवाज की तीव्रता का विशेष ध्यान रखेगा। बोर्ड के सदस्यों के आसन ऊंचे स्थान पर नहीं होंगे। साथ ही बच्चों के लिए कटघरे जैसी व्यवस्था नहीं होगी। यह बिल्डिंग बनाने के समय तय हो जाएगा। पुलिस या बोर्ड के अन्य अधिकारी यूनिफॉर्म की जगह सामान्य कपड़ों में रहेंगे। 32 कुल बच्चे इंदौर के बाल सुधारगृह में 21 सुरक्षित स्थान पर 02 बच्चे विशेष सेल में

बोर्ड के सामाजिक कार्यकर्ता सदस्यों को प्रत्येक बैठक के लिए 1500 रुपए भत्ता मिलेगा, जो राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। सदस्यों को जेल, बाल देखरेख संस्थाओं, पुलिस स्टेशन पर जाने पर अतिरिक्त यात्रा भत्ता भी मिलेगा। मप्र हाई कोर्ट द्वारा बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट की नियुक्त पांच साल के लिए होगी। एक सामाजिक कार्यकर्ता सदस्य नियुक्त होगा। कार्यकाल 3 साल का होगा। बोर्ड बैठकें बालकों के अनुकूल परिसर में करेगा, जहां बच्चे आसानी से बात कर सकें। बच्चों की काउंसलिंग में कई बिंदु देखे जाएंगे। जैसे- उनके माता-पिता के साथ कैसा व्यवहार था? पिता या माता सौतेले, भाई-बहन, परिवार के अन्य सदस्यों और दोस्तों के साथ व्यवहार किस प्रकार है। बच्चे ने पढ़ाई कौन सी कक्षा तक की या छोड़ दी। बालक की अच्छी और बुरी आदतों के बारे में बताना होगा। बच्चे मदिरापान, धूम्रपान, जुआ, मादक या नशीली दवाओं का सेवन तो नहीं करता था।

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