बीजिंग: ग्लोबल वार्मिग के कारण मगरमच्छ के हमलों की तादाद में वृद्धि हो सकती है. एक ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञ ने रविवार को इस बात कि जानकारी दी है. सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी क्षेत्र में चार्ल्स डारविन विश्वविद्यालय में पर्यावरण और आजीविका अनुसंधान संस्थान के एक प्राणी शास्त्री एडम ब्रिटन ने बताया है कि, "तापमान में इजाफा होने के साथ ही मगरमच्छ ऐसे इलाकों में चले जाएंगे जहां वे पहले कभी नहीं बसे थे." उन्होंने कहा है कि जनसँख्या के इस प्रसार का तात्पर्य यह है कि अब ये सरीसृप उन लोगों के सम्पर्क में आएंगे, जिनसे वे पहले कभी सम्पर्क में नहीं आए थे. ब्रिटन ने कहा है कि, "जैसे-जैसे धरती गर्म हो रही है इसका आशय यह है कि इसके प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में मगरमच्छ के हमलों में वृद्धि होगी क्योंकि ज्यों-ज्यों यह गर्म होता जा रहा है. यह मगरमच्छों के फैलाव को परिवर्तित करने जा रही है." उन्होंने आगे कहा कि, "हम इंडोनेशिया में देख रहे हैं कि मगरमच्छ उन स्थानों पर जा रहे हैं जिन्हें या तो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा है या बहुत लंबे समय से नहीं देखा है और इससे हमें हमलों की चैन भी देखने को मिल रही है." ब्रिटेन ने यह भी कहा कि, "अपने निवास स्थान का नुकसान होने के बाद मगरमच्छ इन स्थानों को छोड़कर उन जगहों पर चले जाएंगे, जहां लोग उनके आदि नहीं हैं." ब्रिटेन के अनुसार, उत्तरी क्वींसलैंड के क्षेत्रों में इन मगरमच्छों को देखा जा चुका है, जहाँ शायद ही उन्हें पहले देखा गया हो. भारत और अमेरिका के बीच समस्या बना बादाम पर शुल्क का मुद्दा FATF ने पाकिस्तान को लगाई लताड़, भारत ने भी सुनाई खरी-खरी भारत के काम में चीन ने फिर डाला अड़ंगा, NSG में एंट्री के लिए रखी ये शर्त