श्रीनगर : कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों पर पथराव कर आतंकियों की मदद करने वाले स्थानीय लोगों की अब खैर नहीं क्योंकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इसके लिए आतंक विरोधी अभियान के समय अपनी तीसरी आंख 'नेत्र' का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. गौरतलब है कि अब तक नक्सलियों के खिलाफ इन ड्रोन्स का इस्तेमाल होता था. माओवादियों के खिलाफ इसकी सफलता को देखते हुए अब जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर ये ड्रोन तैनात किए जाएंगे. CRPF को उम्मीद है कि इससे पथराव कर रहे लोगों पर नजर रखी जा सकेगी और उनकी धरपकड़ में आसानी होगी. बता दें कि कश्मीर में आए दिन सेना और पुलिस पर पत्थरबाजी की घटनाएं होती हैं. कल ही एक आतंकी के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान स्थानीय लोगों के पथराव से 70 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. पता चला है कि कश्मीर में स्थानीय लोग रुपए लेकर पत्थरबाजी करते हैं. पत्थरबाजों ने कबूल किया कि रुपए लेकर वो कश्मीर में कहीं भी पत्थर या पेट्रोल बम फेंक सकते हैं. पत्थर फेंकने के बदले इन्हें रुपए, कपड़े और जूते मिलते हैं. सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा डालने वाले ऐसे स्थानीय लोगों से निपटने के लिए CRPF ने कश्मीर में तैनात अपनी सभी कंपनियों से कमांडोज का एक-एक ग्रुप तैयार कराया है. इन स्पेशल कमांडोज को जल्द ही कश्मीर घाटी भेजा जाएगा. यह भी देखें काश्मीर में पीडीपी मंत्री के घर पर आतंकी हमला कश्मीरियो की लड़ाई सफल रहे - पाक हाई कमिश्नर