नई दिल्लीः देश में इन दिनों मंदी का दौर चल रहा है। उद्योग-धंधे इस मंदी से हलकान हुए हैं। इसी बीच देश को एक ओर बड़ा झटका लगा है। सऊदी ड्रोन हमले के बाद देश में तेल की कीमतों लगातार इजाफा हो रहा है। कई आर्थिक विशेषज्ञ कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी को देश के अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक मानते हैं। इससे देश में महंगाई और मंदी बढ़ सकती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। अपनी जरूरतोंका करीब सत्तर फीसदी यह विदशों से आयात करता है। जापानी वित्तीय सेवाओं के प्रमुख नोमुरा ने कहा कि जब सप्लाई कारणों से तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी होती है, (जो कि वर्तमान में है) तो यह बड़े तेल आयातकों के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। उन्होंने कहा कि, यह इसलिए होता है क्योंकि निर्यात में कोई खासी तेजी ना आए और तेल के कारण उच्च आयात लागत हो, इससे चालू खाता स्थिति तेजी से खराब होती है। यह प्रोफिट मार्जिन को घटाती है। तेल की कीमतें बढ़ने से कंपनियों की उत्पादन लागत बढ़ जाती है और फलस्वरूप उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में बढ़ोत्तरी होती है। पीछले दिनों सऊदी अरामको के तेल कुंओं पर ड्रोन हमले के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। प्याज़ के दामों में लगी आग, टूटा चार साल का रिकॉर्ड आम जनता को लगा बड़ा झटका, लगातार पांचवे दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम मध्य प्रदेश सरकार ने बढ़ाए पेट्रोल डीजल के दाम, शराब पर भी लगाया अतिरिक्त टैक्स