दमोह: मध्य प्रदेश के दमोह जिले से पशु क्रूरता का एक हैरतंअगेज मामला सामने आया है। यहां मनुष्यों ने जानवरों के साथ दर्दनाक कृत्य को अंजाम दिया है। दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक में खेतों में घुस रहे मवेशियों से अपनी फसल को बचाने के लिए इंसानियत की हद पार कर गायों के खुरों में लोहे की 2 इंच कील ठोक दी गई। कील लगने से पशुओं के पैर में घाव हो गए तथा उनका चलना भी दुश्वार हो गया। मवेशियों के साथ इस तरह की क्रूरता करने की खबर मिलने पर भगवती कल्याण संगठन के सदस्य गांव पहुंचे। उन्होंने इसकी खबर जानवरों के डॉक्टर समेत पुलिसवालों को दी। पुलिस ने पशु क्रूरता अधिनियम में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश आरम्भ कर दी है। वही यह पूरा मामला तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम देवरी निजाम का है। यहां खेतों में लगी फसल लहलहा रही है तथा उसे देखकर मवेशी खेतों में घुस रहे थे। खेत में घुस रहे मवेशियों से छुटकारा पाने के लिए गांव के तीन लोगों ने इंसानियत की हद पार करते हुए एक दर्जन के लगभग गायों के खुरों में लोहे की 2 इंच तक कील ठोक दी। घटना की खबर मिलते ही पुलिस एवं भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्य घटनास्थल पहुंचे तो देखा कि मवेशी ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहे थे तथा दर्द से तड़प रहे थे। सभी ने मिलकर इन मवेशियों के पैरों से लोहे की कील निकाली तथा उन्हें दर्द से निजात दी। पुलिस की जाँच के पश्चात् पता चला कि ग्राम के ही गुड्डू अहिरवार, गुलाब आदिवासी एवं रीतेश आदिवासी ने इस घटना को अंजाम दिया है। वही तेंदूखेड़ा टीआई फेमिदा खान ने बताया कि मंगलवार की रात भगवती मानव कल्याण संगठन के द्वारा खबर प्राप्त हुई थी कि गांयों के पैरों में 2 इंच की कीले लगी हुई हैं। किसी ने उनके खुरो में कील ठोकी है। खबर मिलने पर स्टाफ के साथ मौके पर जाने पर पता चला कि दर्जनों की संख्या में पशुओं के पैरों में कील ठोकी गई है। संगठन के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर गुड्डू पिता बाबूलाल अहिरवार, गुल्ली उर्फ गुलाब आदिवासी, रितेश पिता मंगल आदिवासी पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए रीतेश आदिवासी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं दो अन्य अपराधियों की तलाश की जा रही है। पानी में डूब रहे कुत्ते को बचाने के चक्कर में गई लड़के की जान, इकलौते बेटे की मौत से परिवार में मचा कोहराम MP में हुए जघन्य हत्याकांड का हुआ पर्दाफाश, प्रेम प्रसंग का है मामला दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती इकॉनमी बन चुका है भारत, संघर्ष कर रहा चीन - संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट