'नार्थ-ईस्ट को भारत से काट दो..', दिल्ली दंगों के आरोपी शरजील इमाम की जमानत ख़ारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 4 सितंबर 2024 को दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी शरजील इमाम की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए पहले से ही 7 अक्टूबर 2024 की तारीख तय की गई है। शरजील इमाम की तरफ से तर्क दिया गया था कि उनकी जमानत याचिका पिछले 2 साल से लंबित है, और 29 अप्रैल 2022 से अब तक 62 बार इसे अलग-अलग पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया जा चुका है, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी।

शरजील के वकील ने अदालत को बताया कि बेंचों की संरचना में कई बार बदलाव, रोस्टर में फेरबदल और न्यायाधीशों की अनुपस्थिति के कारण इस मामले पर अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है। वकील ने यह भी बताया कि इस केस में पुलिस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, और 1 लाख से अधिक दस्तावेजों की जांच तथा 1,000 से अधिक गवाहों की गवाही बाकी है, जिससे यह केस जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है। सरकारी वकील ने शरजील की याचिका का विरोध किया और कोर्ट ने उनकी जल्द सुनवाई की मांग को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि 2020 में दिल्ली में हुए दंगों में शरजील इमाम को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इन दंगों में कई हिन्दुओं की जानें गईं, घरों को लूटा और जलाया गया, और एक आईबी अधिकारी की भी हत्या कर दी गई थी। शरजील पर यह भी आरोप है कि उसने पूर्वोत्तर भारत को देश से अलग करने की बात कही थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था।

क्या था शरजील इमाम का बयान:-

वैसे तो शरजील इमाम का भाषण काफी लंबा है, लेकिन हम यहाँ उस हिस्से को पाठकों के समक्ष रख रहे हैं, जिसमे भड़काऊ और देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाली बातें कही गई हैं। CAA विरोधी कार्यक्रम में शरजील ने कहा था कि 'अब समय आ गया है कि हम गैर-मुस्लिमों से बोलें कि यदि वो हमारे हमदर्द हैं, तो हमारी शर्तों पर आकर खड़े हों। अगर वो हमारी शर्तों पर खड़े नहीं होते तो वो हमारे हमदर्द नहीं हैं। अगर 5 लाख लोग हमारे पास ऑर्गेनाइज्ड हों तो हम नॉर्थ-ईस्ट को हिंदुस्तान से परमानेंटली काट कर अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक-आध महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से काट ही सकते हैं। इतना मवाद डालो पटरियों पर, रोड पर कि उनको हटाने में एक महीना लगे। जाना हो तो जाएँ एयरफोर्स से।' इसका वीडियो आप You tube पर भी देख सकते हैं। पूरी भीड़ ध्यान से शरजील के बयान को सुन रही थी और उसे मौन समर्थन दे रही थी। 

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