कमजोर पड़ा बिपरजॉय, गाँवों में बिजली आपूर्ति करने में जुटी 1127 टीम, गुजरात में तूफ़ान से कोई मौत नहीं !

अहमदबाद: गुजरात के कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों में तबाही मचाने के बाद चक्रवात बिपरजॉय कमजोर हो गया है और दक्षिण राजस्थान की तरफ निकल गया है। बिपरजॉय से हुई तबाही के बाद गुजरात सरकार के समक्ष लगभग 1,000 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने और सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने की चुनौती है। इस बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि उत्तर गुजरात में भारी वर्षा होने की संभावना है।

 

रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि हम एक बड़ी आपदा से लड़ने में सक्षम हुए हैं। NDRF, SDRF और अन्य एजेंसियों ने तूफ़ान से होने वाले किसी भी नुकसान से बचाव के लिए अथक प्रयास किया। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन से संभव हुआ। मैं राज्य की जनता का उनके सहयोग के लिए आभारी हूं। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि चक्रवात बिपरजॉय कल 16 जून को 23:30 बजे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से लगे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से करीब 100 किमी उत्तर-पूर्व के कच्छ में कमजोर हो गया। अगले 12 घंटों में यह और कमजोर होगा।

एक प्रेस रिलीज़ में सीएम भूपेंद्र पटेल के हवाले से कहा गया है कि पहले से प्लानिंग और एक लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के चलते किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, राजकोट और पोरबंदर जिलों में 1,127 टीम युद्धस्तर पर कार्य में जुटी हुईं हैं और वन विभाग ने अब तक सड़कों पर गिरे 581 पेड़ों को हटा दिया है।

इससे पहले राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया था कि, तूफान से राज्य की बिजली कंपनी पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड को काफी नुकसान पहुंचा है और बिजली के 5,120 खंभे क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि कम से कम 4,600 गांवों में बिजली गुल हो गई थी, मगर अब तक 3,580 गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है और बाकि गाँवों में भी कार्य जारी है। यह राज्य के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है कि तूफ़ान से किसी व्यक्ति की जान नहीं गई। ये सबके सम्मिलित प्रयासों से संभव हो सका है।  

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