नई दिल्ली : अंडरवल्र्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी ने एक नया फरमान निकाला है जिसके तहत अंडरवल्र्ड डाॅन दाऊद इब्राहिम की डी-कंपनी ने कहा है कि जो भी वर्ष 2002 के गुजरात दंगों में शामिल हिंदूवादी नेताओं और मुस्लिम विरोधी नेताओं को अपना निशाना बनाएगा उसे दक्षिण अफ्रीका में नौकरी दी जाएगी। डी कंपनी इस तरह के आॅफर के ही साथ लोगों को भर्ती करने जा रही है। दरअसल डी कंपनी चाहती है कि भारत को दंगों की आग में झुलसा दिया जाए। राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा अहमदाबाद न्यायालय में डी कंपनी के 10 गुर्गों के विरूद्ध बड़ा षडयंत्र रचा गया। जहां हिंदू नेताओं को निशाना बनाने का प्रयास किया गया। इस तरह के षड्यंत्र के अंतर्गत भाजपा के भरूच क्षेत्र के अध्यक्ष शिरीष बंगाली की जान ले ली गई थी। दरअसल इस बात को लेकर एनआईए भी चिंतित रहा है। उसने तो इस बात का खुलासा भी किया है कि मोदी सरकार और संघ को निशाना बनाने के लिए दाऊद की गैंग ने साजिश की थी। इन्होंने कई मर्तबा पैट्रोल बम बनाकर फैंक दिए और चर्चों में भी आग लगा दी। जिससे पूरा देश ही सांप्रदायिक दंगों की आग में झुलसने लगे। न्यायालय में चार्जशीट दायर करने के लिए भी कहा गया। डीकंपनी द्वारा अपने गुर्गे जावेद चिकना के माध्यम से भाजपा, आरएसएस, वीएचपी बजरंगदल के नेताओं को निशाना बना लिया गया। जावेद चिकना की ओर से 50 लाख रूपए दुबई से गुजरात के लिए भेजे गए। यही नहीं चिकना ने भारत में विभिन्न संपर्कों के माध्यम से मुंबई और सूरत में बंदूकें अवेलेबल करवाई गईं। इस मामले में अबिद पटेल, सैयद इमरान, जुहेब अंसारी, इनायत पटेल, मोहम्मद यूनुस, हैदर अली, निस्सार भाई शेखष मोहसिन खान पठान, मोहम्मद अल्ताफ शेख और अब्दुल सलीम घांची को इस मामले में प्रमुख अभियुक्त माना जाता है। अभी भी डी कंपनी हिंदूवादी नेताओ को मारने के प्रयास में है। इस तरह के षड्यंत्र में जावेद चिना और दक्षिणी मूल के जाहिद उर्फ जाओ ने चिकना के भाई अबिद पटेल और यूनुस के समेत लोगों से संपर्क कर उनसे ऐसे भारतीय नेताओं की सूची तैयार करने के लिए सक्रिय हो गए थे।