दिहाड़ी पर काम करने वाला मजदूर निकला करोड़पति

नई दिल्ली : किसी मजदूर की सालाना आमदनी अगर 40 लाख हो तो आप यक़ीन करेंगे? नहीं कर पाएंगे ना? लेकिन ऐसा ही एक वाकया सामने आया है कि दिहाड़ी पर काम करने वाले एक मजदूर ने आयकर विभाग को अपनी सालाना कमाई 40 लाख रुपये बताई तो यह सुनकर अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई, उन्हें यक़ीन नहीं हुआ कि किसी मजदूर की जो दिहाड़ी पर काम करता है उसकी सालाना कमाई 40 लाख रुपये हो सकती है. बस फिर क्या था आयकर विभाग के अफसरों ने इस मामले में जांच शुरू कर दी.

आयकर विभाग ने जब इस मामले में जांच की तो इसके पीछे का सच सामने आने पर उनको एक और झटका लगा. जांच में पता चला कि मजदूरी करने वाला शख्स असल में एक ड्रग डीलर है. इस बात की सूचना पुलिस को दी गई तो पुलिस ने आरोपी समेत 2 अन्य लोगों को हिरासत में ले लिया और पूछताछ की गई. यह घटना बेंगलूरु की है. वहीँ पुलिस इस धंधे से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है.

मजदूरी की आमदनी का खुलासा तब हुआ जब उसने इनकम टैक्स भरने का सोचा और टैक्स भरते वक़्त उसने अपनी सालाना कमाई 40 लाख रुपये लिखी. जब उससे इस कमाई का जरिया पूछा गया तो उसने मजदूरी ही बताया इसके अलावा कोई अन्य स्रोत उसने नहीं बताया तो अधिकारीयों को उस पर शक हो गया और फिर उसकी जांच के लिए उस पर नजर रखी गई. 34 साल के रचप्पा रंगा पर नज़र रखने के बाद मालूम चला कि वह असल में एक ड्रग डीलर है. रचप्पा रंगा चमाराजनगर का रहने वाला है और बेंगलूरु में 12 साल से रह रहा है और मजदूरी का काम करता है.

हालाँकि उसने रिटर्न भरने से पहले एक वकील की सलाह लेकर खुद को क्लास-1 ठेकेदार बताया फिर भी अधिकारियों के शक के घेरे में आ गया. वहीँ पुलिस ने रचप्पा के साथ उसके एक अन्य साथी श्रीनिवास (47) को भी हिरासत में ले लिया. पुलिस ने रचप्पा के घर पर छापामारी की जिसमे उसके घर से 26 किलो गांजा, एक लग्जरी कार और 5 लाख रुपये नकद बरामद हुए. पुलिस पूछताछ में रचप्पा ने बताया कि वह रोजाना लगभग 30 किलो तक गांजा बेचता था. इस धंधे में आने के बाद से उसने करोड़ों रुपये की कमाई की और कई प्रॉपर्टी खरीदी. कनकपुरा रोड स्थित एक विला भी उसने किराए पर ले रखा है.

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