नई दिल्ली: बौद्ध धर्म के 14 वें दलाई लामा ने मीडिया के सामने, अपने जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्नाह सम्बंधित बयान के लिए माफ़ी मांगी है. दलाई लामा ने कहा है कि "मेरे बयान ने विवाद पैदा किया है, अगर मैंने कुछ गलत कहा तो मैं क्षमा चाहता हूं." दरअसल, बौद्ध धर्म गुरु गोवा के एक इंस्टिट्यूट में भाषण दे रहे थे, उसी दौरान उनके द्वारा जवाहरलाल नेहरू और मोहमाद अली जिन्नाह पर की गई टिप्पणी से ये विवाद पैदा हुआ था. महात्मा गाँधी जिन्ना को प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे - दलाई लामा 7 साल बाद गोवा के इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट में भाषण देते हुए दलाई लामा ने कहा था कि "महात्मा गांधी, मोहम्मद अली जिन्नाह को भारत का प्रधानमंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन नेहरू ने मना कर दिया. नेहरू आत्मकेंद्रित थे, नेहरू ने कहा कि मैं ही प्रधानमंत्री बनूँगा. " दलाई लामा ने कहा कि नेहरू की जिद के आगे महात्मा गाँधी को झुकना पड़ा और नेहरू प्रधानमंत्री बन गए. उन्होंने कहा कि अगर जिन्नाह को प्रधानमंत्री बना दिया जाता तो भारत का बंटवारा नहीं होता. लाल किले पर ही क्यों फहराया जाता हैं तिरंगा? क्या आपको पता है इसका राज तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा एक छात्र द्वारा भावनाओं को हराने और गलत निर्णय लेने से दूर रहने के सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, दलाई लामा ने कहा कि निर्णय लेने से पहले हितधारकों की राय का सम्मान करना और सभी सिरों का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा था कि "मुझे लगता है कि सामंती व्यवस्था ने बहुत युद्ध किया है," जिसके बाद नेहरू और जिन्नाह का उदहारण दिया गया था, जिसमे एक गलत निर्णय के कारण देश का बंटवारा हो गया था और करोड़ों लोगों का खून बहाया गया था. खबरें और भी:- नैशनल हेराल्ड में राहुल-सोनिया पर संकट गहराया राहुल गांधी आज छत्तीसगढ़ में, कांग्रेस कार्यालय का करेंगे शुभारंभ BREAKING:दलितों के धरने में राहुल ने पीएम को घेरा