अरियालुर- तमिलनाडु के अरियापुर में उच्च न्यायलय से मदद कि गुहार लगाने वाली छात्रा ने आत्महत्या कर ली. आपको बता दे कि उस दलित छात्रा ने तमिलनाडु को राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) से छूट दिए जान की मांग की थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका जिसके चलते छात्रा में अपने घर में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. गौरतलब है कि मृतक छात्रा अनिता एक दिहाड़ी मजदूर की बेटी थी. और अनिता ने राज्य बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में 1200 में से 1176 अंक अर्जित किए थे. साथ ही उसने मेडिसीन कोर्स के लिए कट ऑफ 196.75 और इंजीनियरिंग कोर्स के लिए कट ऑफ 199.75 अर्जित किया था. लेकिन नीट में उसे 700 में से महज 86 अंक आए. बता दे कि यह परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित होती है. इसके लिए तमिलनाडु सरकार ने भी राज्य के छात्रों को नीट से छूट दिलाने के लिए एक अध्यादेश जारी किया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उसे नीट के तहत ही मेडिकल में प्रवेश देने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते काम नंबर आने से निराश छात्रा ने आत्महत्या कर ली. बता दे कि अनिता का मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला और सरकारी पशु चिकित्सा महाविद्यालय में दाखिले का चयन हो गया था. लेकिन वो डॉक्टर ही बनना चाहती थी. जिसके चलते उसने आत्महत्या कर की. 7वी की छात्रा ने की आत्महत्या, पीरियड के दाग लगने पर टीचर ने डांटा ब्लू व्हेल ने फिर ली छात्र की जान दो सहेलियों ने ज़हर के साथ ली सेल्फी, फिर कर ली आत्महत्या शादी के तीन महीने बाद सामने आयी पति की सच्चाई, पत्नी ने की आत्महत्या