भोपाल। छतरपुर में दबंगों के अत्याचार का कुछ दलित शिकार हो गए हैं। इन लोगों ने अब कलेक्टर से शिकायत की है। उनका कहना है कि दबंगों ने उनके शौचालय तोड़ दिए। अब ये दबंग इन लोगों को खुले में शौच के लिए भी जाने नहीं देते हैं। दलितों द्वारा कहा गया कि दहशत के कारण उनके घरों के पीछे मिट्टी के बर्तन का उपयोग किया जा रहा है। उक्त विवाद को हल करने हेतु प्रशासनिक अधिकारियों का दल गांव पहुंचा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान प्रारंभ किया था। इस दौरान केंद्र सरकार ने अपील की कि लोग खुले में शौच को बंद कर दें। जो खुले में शौच के लिए जाते हैं तो उन्हें ऐसा करने से रोक दें। लोगों से अपील की गई कि वे घरों में शौचालय बनाऐं। नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों ने यह तय कर दिया कि उनका क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त हो। कर्मचारियों द्वारा लोगों को खुले में शौच करने से रोका गया। मिली जानकारी के अनुसार छतरपुर जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर बराखेरा गांव में दलितों ने उक्त योजना के बहाने गांव के दबंगों को चिढ़ाने की योजना बना ली। दबंग और दलित के विवाद के बाद क्षेत्र में तनाव के हालात बन गए। यह कहा गया कि ग्रामीण दबंग पटेल समुदाय प्रशासन से शिकायत नहीं कर सकता था। अतरू दबंग एकजुट हुए तो दबंगों की ओर जिन शौचालयों का दरवाजा खुला करता था उन्हें तोड़ डाला गया। मिली जानकारी के अनुसार अधिकारियों का दल गांव में पहुंचा तो शौचालयों का दोबारा निर्माण करवाए जाने की बात कही। CM योगी आदित्यनाथ को 125 किलो का साबुन भेंट करने जा रहे दलितों को पकड़ा शिवसेना ने बीजेपी पर दलित वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया राष्ट्रपति के लिए आसान दिख रही है रामनाथ की राह