नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने पूरे देश में बांधों के जांच एवं देखभाल को लेकर राष्ट्रीय प्राधिकरण के साथ-साथ एक समिति का गठन करने के लिए एक बिल कल यानि सोमवार को उच्च सदन में पेश किया। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बांध सुरक्षा विधेयक 2019 पेश करते हुए बोला कि देशभर में बांधों की सुरक्षा के लिए मानक बनाने के लिए कानून की जरूरत है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि विशेष बांधों के समुचित जांच, देखभाल एवं राज्यों के बीच अनसुलझे मसलों का हल करने के लिए बिल में राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना करने की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, सरकार ने बांध की विफलता संबंधी आपदाओं की रोकथाम के मकसद से बांध की सुरक्षा को लेकर एक राष्ट्रीय समिति बनाने का प्रस्ताव किया है। बिल के मुताबिक, समिति बांध सुरक्षा के मानकों को बनाए रखेगी और बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनाएगी। शेखावत ने बताया कि देश में कुल 5,344 बांधों में से 92 फीसदी बांधों का निर्माण एक राज्य से दूसरे राज्य में बहने वाली नदियों पर बनाया गया है और 293 बांध 100 वर्ष से भी पुराने हैं। रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन ने बिल का यह कहते हुए विरोध किया कि जल राज्य का विषय है। बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने भी बिल की विधायी क्षमता पर प्रश्न उठाया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी बिल का विरोध करते हुए इसे संसद की स्थाई समिति के पास भेजने के मांग की है। योगी कैबिनेट के विस्तार से पहले होगी भाजपा कोर ग्रुप की मीटिंग, फाइनल किए जाएंगे नाम उन्नाव रेप और दुर्घटना मामले में चौंकाने वाला खुलासा, इस नेता के ट्रक ने मारी थी पीड़िता की कार को टक्कर उन्‍नाव सड़क हादसा: ADG ने कहा- खंगाली जा रही आरोपी MLA की कॉल डिटेल्स, जल्द मिलेगा सुराग