बाबा बागेश्वर की यात्रा पर मंडराया 'खतरा', बोले- 'हमारी सुरक्षा भले ही कम कर दें...'

बाबा बागेश्वर धाम के प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा को लेकर सुरक्षा संबंधी खतरे की आशंका जताई गई है। इस सिलसिले में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनकी सुरक्षा चाहे घटा दी जाए, मगर उनके साथ चल रहे लाखों श्रद्धालुओं को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार एवं पुलिस ने उन्हें इस संभावित खतरे के बारे में सूचित किया है। इससे उन्हें भी स्थिति की गंभीरता का एहसास हुआ। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि छतरपुर जिले के अलीपुरा कस्बे का नाम बदलकर हरिपुरा करने की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई घटना को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कानून व्यवस्था पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जो लोग कानून अपने हाथ में लेते हैं, उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "जिनके हाथों में पत्थर थे, अब उन्हें जेल के अंदर होना चाहिए।" उन्होंने बुलडोजर कार्रवाई को आवश्यक बताते हुए कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने कहा, "आतंक मतलब सिर्फ आतंक। इसकी न कोई जाति होती है और न ही कोई धर्म। ऐसे लोगों को मिट्टी में मिलाना और उन्हें सबक सिखाना जरूरी होता है।"

बुलडोजर और राम मंदिर से हुआ स्वागत पंडित धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एवं राम मंदिर के प्रतीकात्मक सम्मान के साथ आरम्भ हुई। इस भव्य स्वागत के लिए उन्होंने गांववासियों, उत्तर प्रदेश पुलिस एवं प्रशासन को धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि बताया। उन्होंने कहा, "मेरी सुरक्षा कम कर दी जाए तो भी कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मेरे साथ चल रहे लाखों श्रद्धालु, जो पूरी श्रद्धा के साथ इस आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा हैं, उनका बाल भी बांका नहीं होना चाहिए।" उन्होंने इसे बागेश्वर धाम और राम राजा ओरछा के बीच एक आध्यात्मिक मिलन करार दिया।

पटना से परीक्षा छोड़कर आया युवक धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा में सम्मिलित होने के लिए पटना से एक युवक ने अपनी परीक्षा छोड़ दी। इस पर उन्होंने कहा, "लड़के ने मुझसे कहा कि बाबा, आपके चरणों में चोट लगने की बात सुनकर परीक्षा छोड़कर यहां आ गया हूं। यह बात मुझे असहनीय लगी। लड़का भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में देखने की इच्छा रखता है।"

मदनी के बयान पर पलटवार मदनी द्वारा दिए गए बयान, "मस्जिद में मंदिर नहीं दिखना चाहिए," का जवाब देते हुए पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुगल शासकों अकबर और बाबर ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों में बदल दिया। अब समय बदल गया है, तथा "घर वापसी" का दौर शुरू हो चुका है। उन्होंने कहा, "अब बाबर और अकबर का साम्राज्य नहीं है। अब हिंदुत्व विचारधारा के लोग सक्रिय हैं। आज जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है।" उन्होंने वक्फ बोर्ड पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि "देश में या तो सनातन बोर्ड बनना चाहिए या फिर वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए। एक देश में एक संविधान, एक कानून और एक नियम होना चाहिए, दस नहीं।"

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