नई दिल्ली. एक तरफ देश में केंद्र सरकार देश के राजस्व बढ़ने और देश की जीडीपी बढ़ने जैसी कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है तो जमीनी स्तर के आकड़ें कुछ और ही सच्चाई बयान कर रहे है. देश की एक रेटिंग एजेंसी द्वारा हाल ही में की गई एक रिसर्च में पता चला है कि पिछले कुछ समय से देश में राजकोषीय घाटा काफी तेजी से बढ़ा है और आने वाले वर्ष में यह बढ़ कर 3.5 फीसदी तक पहुंच सकता है. तेजी से बढ़ रही है ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में धोखाधड़ी, बचने के लिए इन बातों का रखे ख़्याल दरअसल इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च नामक देश की घरेलू रेटिंग एजेंसी की हालिया रिसर्च के मुताबिक देश का राजकोषीय घाटा अगले वित्त वर्ष 2019 तक जीडीपी के अनुपात में 3.5 फीसद पर आ जाएगा. इस तरह यह लगातार ऐसा तीसरा वर्ष होगा जब देश के राजकोषीय घाटे का फिजिकल गैप नंबर 3.5 फीसद के स्तर पर होगा. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में डेफिसिट (घाटा) भी इस वित्तीय वर्ष के खत्म होते तक 6.67 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर आ जायेगा. विमानन कंपनियों द्वारा वेब चेक-इन पर भारी शुल्क लगाने पर हंगामा, अब सरकार करेगी समीक्षा आपको बता दें कि डेफिसिट एक ऐसा घाटा होता है जो सरकार के कुल राजस्व एवं खाचों के बीच के अंतर को बयां करता है. सरकार ने अब तक इसे 6.24 लाख करोड़ रूपए रखने का मकसद रखा था. लेकिन अब इसके 6.67 लाख करोड़ रुपये पे आने का अनुमान देश के लिए गंभीर चिंता की बात हो सकती है. ख़बरें और भी शेयर बाजार : मामूली उतार-चढ़ाव के साथ खुला बाजार, जानिए आज के आकड़ें सुर्खियां: ये हैं देश और दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी ख़बरें रेलवे ने रद्द की आज की 114 ट्रेनें, यात्रियों को हो सकती है परेशानी