हाल ही में एक अपराध की खबर सामने आयी है जहाँ परम्परा के नाम पर गलत हुआ है. खबरों के अनुसार शादी के बाद जब दुल्‍हन विदा होती है तो मामा उसे गोद में लेकर कार या डोली में बिठाता है. ऐसे में भारत में यह पुरानी पंरपरा है, जिसका पालन किया जाता है, लेकिन दारुल उलूम देवबंद की नजर में यह परंपरा ठीक नहीं है. जी हाँ, हाल ही में देवबंद ने अपने ताजा फतवे में इस रस्‍म को गैर इस्‍लामिक बताते हुए इसे खत्‍म करने की मांग की है. उनका कहना है कि इस रस्‍म को निभाते वक्‍त मामा या भांजी दोनों में से किसी एक के मन में काम-वासना आ सकती है और दारुल उलूम देवबंद ने इस रस्‍म का एक विकल्‍प भी बतया है. खबरों के अनुसार दारुल उलूम देवबंद ने अपने फतवे में कहा है कि 'विदाई के वक्‍त मामा के भांजी को गोदी में उठाने के बजाय बेहतर यह होगा कि दुल्‍हन खुद चलकर जाए या उसकी मां उसे लेकर जाए.' हाल ही में देवबंद ने फतवा जारी करते हुए कहा, 'एक महिला और मामा के बीच बेहद पवित्र रिश्‍ता होता है. कोई भी शख्स बड़ी हो चुकी भांजी को गोद में नहीं उठा सकता. मुस्लिम कानून की निगाहों में तो इसे स्‍वीकार नहीं किया जा सकता.' वहीं फतवे में दारुल उलूम ने कहा, 'भांजी को गोद में उठाने की रस्‍म के दौरान दोनों में से किसी के भी मन में काम-वासना आती है तो इस रिश्ते के बर्बाद होने का खतरा बना रहता है.' ऐसे में हो सकता है इससे अपराध के मामलों के खिलाफ एक पहल हो. बहु को देखते ही ससुर हुआ उसके...का प्यासा, ऐसे बुझाई प्यास इस तरह मॉडल को किया संबंध बनाने के लिए मजबूर, मन नहीं भरा तो फिर से... रात में तांत्रिक ने बुलाया घर और कपडे उतरवाकर करने लगा यह काम...