गुरुग्राम : गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल इन दिनों सवालों के घेरे में आ गया है .डेंगू के इलाज के लिए इस अस्पताल में भर्ती हुई सात साल की बच्ची की मौत के बाद उसके परिजनों को 15 लाख का बिल थमाने का मामला सामने आया है .इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अस्पताल पर कार्रवाई करने की बात कही है. उल्लेखनीय है कि जुड़वा बहनों में से बड़ी आद्या को दो महीने पहले डेंगू होने पर पहले एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बारे में दीप्ति ने बताया कि पांच दिन बाद फोर्टिस अस्पताल ले गए. जहां अगले ही दिन बिना जानकारी दिये उसे वेंटिलेटर पर रख दिया.लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई. ब्रेन से लेकर किडनी तक प्रभावित हो गए.लेकिन आद्या बच न सकी. फोर्टिस ने बच्ची के इलाज में 2700 ग्लव्स और 500 सिरिंज का इस्तेमाल का 15.59 लाख का बिल बनाकर दे दिया .इसमें चार लाख रुपया तो सिर्फ दवाई का बिल था .यहां तक की बेटी की मौत के बाद जिस कपड़े में शव को लपेट कर दिया गया उसका पैसा भी फोर्टिस अस्पताल ने वसूल लिया. जबकि इस घटना पर फोर्टिस अस्पताल का कहना है कि सात साल की बच्ची आद्या को डेंगू था जो शॉक सिंड्रोम की स्टेज पर था .उसके ब्लड प्लेटलैट्स लगातार गिर रहे थे. हालत खराब होने पर हमने 48 घंटे वेंटिलेटर पर रखा.परिवार को बच्ची की नाजुक हालत के बारे में बता दिया था. बच्ची के इलाज में हमने सभी स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल और गाइडलाइंस का ध्यान रखा.इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कार्रवाई करने की बात कही है.उन्हें ट्विटर पर सांसद राजीव चंद्रशेखर ने इस मामले से अवगत कराया. यह भी देखें प्रद्युम्न हत्याकांड: प्रद्युम्न के साथ टाॅयलेट में था आरोपी छात्र हथियारों से लैस बदमाशों ने गैस गोदाम से लूटे 4 लाख रुपये