इंदौर: बहुचर्चित घटनाक्रम के दौरान पाकिस्तान से तीन वर्ष पहले भारत लौटी मूक-बधिर युवती गीता के माता-पिता की अब तक कुछ जानकारी नहीं मिल सकी है. हालांकि, उसके परिवार की तलाश के लिए भारत सरकार की कोशिशें वर्ष 2018 में भी जारी रही. फिलहाल गीता, मध्यप्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और नि:शक्त कल्याण विभाग की देखभाल में इंदौर की एक गैर सरकारी संस्था में रह रही है. इस विभाग के संयुक्त निदेशक बीसी जैन ने बताया कि मूक-बधिर युवती के माता-पिता की खोज के लिए सरकार अब भी प्रयासरत है. दिल्ली: मांग घटने से सस्ता हुआ सोना उल्लेखनीय है कि सात-आठ साल की उम्र में गीता पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस ट्रैन में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी. गलती से सरहद पार पहुंचने वाली लड़की गीता को भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कोशिशों के कारण 26 अक्तूबर 2015 को भारत लाया गया था. स्वराज ने 20 नवंबर को इंदौर में प्रेस वार्ता में गीता को 'हिंदुस्तान की बेटी' बताते हुए कहा था कि देश में उसके परिजन मिलें या न मिलें, लेकिन गीता दोबारा पाकिस्तान कभी नहीं पहुंचाई जायेगी. उसकी देखरेख भारत सरकार द्वारा ही की जाएगी. आतंकवाद के खिलाफ पाक, चीन और अफगानिस्तान के बीच हुआ समझौता आपको बता दें कि गीता को पाकिस्तान से भारत लाने के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दुनिया भर के विभिन्न देशों में बसे भारतीयों के लिए भी मदद को तत्पर रहती हैं. उन्होंने सऊदी अरब और दुबई में भी काम कर रहे कई मजदूरों को संकट से उबारा था. खबरें और भी:- फ्रांस: प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी आने से मैक्रों ने ली राहत की सांस यंहा माइनस 19.7 डिग्री तक गिर गया पारा अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- कामगारों के लिए आवंटित किए 1,000 करोड़