जानिए क्या है दिन के अनुसार प्रदोष व्रत का महत्व

सोमवार यानी 25 जून को पंचांग के अनुसर प्रदोष व्रत है जिसका बहुत महत्व होता है. प्रदोष जो एकादशी के बाद आता है. इस व्रत को करने से कई लाभ मिलते हैं और महादेव की कृपा बनी रहती है. आपको बता दें, सोम प्रदोष व्रत का उल्लेख स्कन्द पुराण में किया गया है. इस दिन शिवजी की पूजा की जाती है. आज हम आपको इसके कुछ महत्व और और दिन के अनुसार इस व्रत को करने के क्या लाभ मिल सकता है. आइये जानते हैं इनके बारे में.

स्कन्द पुराण में उल्लेख किया गया है कि हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी के दिन शाम के समय को प्रदोष कहा जाता है. इस व्रत को रखने से शिवजी प्रसन्न रहते हैं और उनके लिए ये व्रत किया जाता है. तो अब आपको बता देते हैं दिन के अनुसार प्रदोष व्रत के महत्व. कहा जाता है जिस दिन ये व्रत आता है उस दिन के नाम से इसका महत्व भी बदलता है.

* रवि प्रदोष : रविवार को आने वाला प्रदोष रवि प्रदोष कहा जाता है जिसे करने से आप हमेशा निरोगी बने रहेंगे.

* सोम प्रदोष : सोमवार को यदि ये व्रत आता है तो उसे सोमप्रदोष कहा जाता है जिसे करने से आपकी मनोकामना पूरी होती है.

* मंगल प्रदोष : मंगलवार को आने वाले प्रदोष को मंगल प्रदोष कहा गया है. इसे करने सइ आप स्वस्थ्य रहते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है.

* बुध प्रदोष : बुधवार को ये व्रत करने से सभी कामना पूरी होती हैं जो भी आप चाहते हैं.

* गुरु प्रदोष : गुरुवार का इसका पालन करने से आपके शत्रु का नाश होगा और आप उनसे बचे रहेंगे.

* शुक्र प्रदोष : शुक्रवार का प्रदोष व्रत आपको सौभग्यवति बनता है और इसमें वृद्धि भी करता है.

* शनि प्रदोष : शनिवार को ये व्रत करने पर आपको पुत्र की प्राप्ति होती है और महादेव की कृपा से आपकी मनोकामना पूरी होती है.

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