नई दिल्ली। अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में पूर्व मंत्री दयानिधि मारन पर केस चलाया जाएगा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दयानिधि मारन पर केस चलाने की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने मारन की तरफ से मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को ठुकरा दिया। मद्रास हाईकोर्ट ने मारन को इस मामले में आरोपी सिद्ध किया था। कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए मारन बंधुओं के खिलाफ केस चलाने को मंजूरी दे दी है। 26 साल बाद इडुक्की बाँध खतरे के निशान पर शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद अब इस मामले में मारन सहित सात लोगों को ट्रायल का सामना करना पड़ेगा। मारन पर 2004 से 2006 तक केंद्रीय दूरसंचार एवं सूचना मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। मारन पर आरोप है कि उन्होंने और उनके भाई कलानिधि मारन ने अवैध तरीके से अपने घर पर टेलीफोन एक्सचेंज लगवाया था। इस टेलीफोन एक्सचेंज का फायदा मारन बंधुओं के स्वामित्व वाले सन टीवी नेटवर्क को दिया गया। सीबीआई ने मारन बंधुओं के खिलाफ दायर केस में कहा है कि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज लगवाने से राजकोष को 1.78 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। क्या बीजेपी में शामिल हो सकते है अमर सिंह.. बता दें कि शीर्ष अदालत से पहले मद्रास हाईकोर्ट ने भी इस मामले में मारन बंधुओं को दोषी ठहराया था। इससे पहले विशेष सीबीआई अदालत ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में मारन बंधुओं को रिहा कर दिया था, जिसके खिलाफ सीबीआई ने हाईकोई में याचिका दायर की थी। खबरें और भी मोदी सरकार का नया प्लान, भारत बनाएगा लड़ाकू विमान घोटालों के 'लाल' लालू प्रसाद को IRCTC घोटाले में मिला समन अब तक की बड़ी खबरें