भोपाल: आज हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि हैं। आप सभी जानते ही होंगे आज ही के दिन यानि 15 फरवरी 1948 को सुभद्रा कुमारी चौहान ने अंतिम सांस ली थी। वैसे सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें नमन किया। इसके लिए उन्होंने एक ट्वीट किया है। अपने ट्वीट में वह लिखते हैं, 'बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।- सुभद्रा जी अपनी कविताओं के माध्यम से जन-जन के हृदय को जागृत कर राष्ट्रीयता की भावना भर देने वाली महान कवयित्री, लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि!' ...बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।-सुभद्रा जी अपनी कविताओं के माध्यम से जन-जन के हृदय को जागृत कर राष्ट्रीयता की भावना भर देने वाली महान कवयित्री, लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान जी की पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/7dqxJzCsLS — Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 15, 2021 इसी के साथ आगे अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है- 'स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन। प्रसिद्ध कविता ‘झांसी की रानी’ से सुभद्रा ने आजादी की लड़ाई के दौरान राष्ट्रीय चेतना को जगाया व स्वतंत्रता आंदोलन को उन्होंने अपनी कलम की ताकत से सींचा।' वहीं उनके अलावा मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी" अपनी ओजस्वी लेखनी से देशवासियों के दिलों में देश प्रेम की भावना जागृत करने वालीं हिंदी की सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी सुभद्रा कुमारी चौहान जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।'' "खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी" अपनी ओजस्वी लेखनी से देशवासियों के दिलों में देश प्रेम की भावना जागृत करने वालीं हिंदी की सुप्रसिद्ध कवयित्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। #SubhadraKumariChauhan pic.twitter.com/fmrazPONnr — Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 15, 2021 वैसे हम आपको यह भी बता दें कि कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान वीररस से ओत-प्रोत कविताएँ लिखती थीं। उनका जन्म 16 अगस्त1904 को इलाहाबाद के निहालपुर गाँव में हुआ था। सुभद्रा कुमारी को बचपन से ही कविताएं लिखने का शौक था। इसी वजह से वह अपने स्कूल में भी बड़ी मशहूर थीं। आपको हम यह भी बता दें कि सुभद्रा की दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी कविता 'झाँसी की रानी' सबसे ज्यादा प्रसिद्धि हुई थी। MP में लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बोले कमलनाथ- 'एक दिन साइकिल से...' किसान आंदोलन: दिशा की गिरफ़्तारी पर चिदंबरम का प्रश्न, कहा- क्या चीनी घुसपैठ से ज्यादा खतरनाक है टूलकिट ? विदिशा में स्थापित होगी सुषमा स्वराज की प्रतिमा, CM शिवराज ने किया एलान