सदियों पुरानी मान्यता है कि गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करने से आपका बच्चा गोरा हो सकता है, यह बात पीढ़ियों से चर्चा का विषय रही है। भारतीय घरों में कई बुजुर्ग महिलाएं इस उपाय की कसम खाती हैं, उनका दावा है कि गर्भावस्था के दौरान केसर युक्त दूध पीने से अजन्मे बच्चे का रंग गोरा हो सकता है। हालाँकि, क्या इस दावे का कोई वैज्ञानिक आधार है? इस विशेष श्रृंखला, "मिथक बनाम तथ्य" में, हमारा उद्देश्य तथ्य को कल्पना से अलग करना और आपको ऐसी लंबे समय से चली आ रही मान्यताओं के पीछे की सच्चाई से परिचित कराना है। हमारी टीम ने इस मिथक की तह तक जाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात की। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चे का रंग, आकार और विशेषताएं माता-पिता के जीन द्वारा निर्धारित होती हैं, न कि केसर या किसी अन्य खाद्य पदार्थ के सेवन से। यह विचार कि केसर अजन्मे बच्चे के रंग को प्रभावित कर सकता है, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। जबकि कुछ संस्कृतियों का मानना है कि केसर बच्चे की त्वचा की रंगत को हल्का कर सकता है, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। दूसरी ओर, डॉक्टर इस बात से सहमत हैं कि गर्भावस्था के दौरान केसर के अन्य लाभ भी हैं। यह पाचन में सहायता कर सकता है, कब्ज और सूजन से राहत दिला सकता है और प्रसव के दौरान गर्भाशय के संकुचन में भी मदद कर सकता है। हालाँकि, बच्चे के रंग पर इसका प्रभाव पूरी तरह से एक मिथक है। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि झूठी मान्यताएँ और पुरानी कहानियाँ हानिकारक हो सकती हैं, जिससे गर्भवती माताओं को अनावश्यक तनाव और चिंता हो सकती है। हमारा उद्देश्य महिलाओं को सटीक जानकारी देकर सशक्त बनाना है, ताकि उन्हें अपने स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सके। निष्कर्ष में, गर्भावस्था के दौरान केसर के अपने फायदे हो सकते हैं, लेकिन अजन्मे बच्चे के रंग को गोरा करने की इसकी क्षमता एक मिथक मात्र है। आइए ऐसी गलतफहमियों से मुक्त होकर तथ्यों पर ध्यान दें। हमारी "मिथक बनाम तथ्य" श्रृंखला में और अधिक जानने के लिए बने रहें, जहाँ हम ऐसे और मिथकों का खंडन करेंगे और आपको सच्चाई से अवगत कराएँगे। मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने जैकलीन को फिर भेजा समन 'तौबा तौबा' में विक्की कौशल के डांस पर कैटरीना कैफ ने कुछ यूँ किया रिएक्ट यूजर ने जावेद अख्तर को कहा- 'गद्दार का बेटा', गीतकार ने लगाई लताड़