'ED के डर से लिया फैसला..', कैलाश गहलोत के इस्तीफे पर बोले संजय सिंह

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में नंबर तीन के मंत्री कैलाश गहलोत ने रविवार को अचानक अपने मंत्री पद और आम आदमी पार्टी (आप) की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने पार्टी और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने कहा कि कैलाश गहलोत का इस्तीफा भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा किए गए दबाव के कारण हुआ। पार्टी ने यह भी कहा कि गहलोत को भाजपा की तरफ से प्रताड़ित किया जा रहा था।

इस पर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कैलाश गहलोत पर कई बार इनकम टैक्स और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापे मारे थे। भाजपा ने गहलोत पर दबाव बनाने के कई तरीके अपनाए, जिससे वे मानसिक रूप से परेशान हो गए थे। उन्होंने इसे भाजपा का षड्यंत्र बताया और कहा कि भाजपा द्वारा बनाए गए दबाव ने गहलोत को इस्तीफा देने पर मजबूर किया। संजय सिंह ने यह भी कहा कि गहलोत पर जो छापे मारे गए थे, उनका मकसद यह था कि उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाए।

संजय सिंह ने यह भी टिप्पणी की कि भाजपा के इस दबाव के कारण गहलोत के पास अन्य कोई विकल्प नहीं बचा था, और इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही, जब उनसे पूछा गया कि क्या गहलोत भाजपा में शामिल हो जाएंगे, तो संजय सिंह ने संकेत दिए कि यह संभव हो सकता है, जैसा कि उन्होंने पहले अन्य मामलों में भी अनुमान लगाया था। संजय सिंह ने यह भी कहा कि कैलाश गहलोत ने पांच साल तक दिल्ली सरकार का हिस्सा रहते हुए इस दबाव का विरोध नहीं किया, इसलिए अब यह बयान देना हास्यास्पद लगता है। उनका कहना था कि भाजपा की ओर से गहलोत पर लगातार एजेंसियों के जरिए दबाव बनाया गया और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

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