23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'देश प्रेम दिवस' (देशभक्ति दिवस) घोषित करने की मांग त्रिपुरा में विपक्षी वाममोर्चा ने की थी। वाममोर्चा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में यह मांग की है। पीएम मोदी को लिखे पत्र में लिखा है, हमारा देश 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 125वां जन्मदिन मनाने जा रहा है। 1996 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के शताब्दी समारोह के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि नेताजी के जन्मदिन को 'देशप्रेम दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। लेकिन इस तरह की घोषणा के 25 साल बाद भी भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 23 जनवरी को देशप्रेम दिवस घोषित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। पत्र में आगे कहा गया है, "हमें नहीं लगता कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हमारे स्वतंत्रता आंदोलन में उनके अमूल्य योगदान के लिए किसी स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। एकता, विश्वास और बलिदान का उनका अमर नारा आज भी अधिक प्रासंगिक है, जब हमारा राष्ट्र बाहरी और आंतरिक विभाजनकारी ताकतों से बहुआयामी समस्याओं का सामना कर रहा है।" वही इससे पहले भी देश प्रेम दिवस (देशभक्ति दिवस) और राष्ट्रीय अवकाश की मांग की जा चुकी है। लगभग तीन साल पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को देश प्रेम दिवस (देशभक्ति दिवस) और राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की मांग राज्यसभा में की गई थी। 'पसंद से शादी का अधिकार..,' इलाहबाद हाई कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला मध्य प्रदेश ने केरल मॉडल के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापन पर किए हस्ताक्षर त्रिपुरा को मिली कोरोना टीकों की खेप