मुंबई: महाराष्ट्र एवं कर्नाटक का सीमा विवाद फिलहाल थमता दिखाई नहीं दे रहा है। सीमा विवाद को लेकर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक के नेताओं में जुबानी जंग चल रही है। इसी बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह कर्नाटक के साथ विवादास्पद सीमा क्षेत्र में रहने वालों के साथ एकजुटता जताते हुए मंगलवार को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करेंगे। दूसरी ओर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे का घेराव करना भी आरम्भ कर दिया है। उद्धव ने सोमवार को विधान परिषद में सवाल करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे कर्नाटक सीमा विवाद पर चुप क्यों हैं? कर्नाटक के मुख्यमंत्री प्रस्ताव पास कर रहे हैं, किन्तु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चुप हैं, ऐसा क्यों? उद्धव ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वो एक इंच भी ज़मीन नहीं देंगे। मगर उन्हें ये अच्छे से समझ लेना होगा कि हमें उनकी ज़मीन नहीं चाहिए, बल्कि हमें हमारा बेलगाम चाहिए। जो कि मराठी बहुल क्षेत्र है। ऐसे में जब मामला सर्वोच्च न्यायालय में है तो उसके बाद भी कर्नाटक सरकार द्वारा बेलगाम में रहने वाले मराठियों को परेशानी क्यों दी जा रही है? उन्होंने विधान परिषद में मांग उठाते हुए कहा कि जब तक कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा विवाद सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित है, तब तक बेलगाम को केंद्र शासित प्रदेश किया जाए। वही इससे पहले 9 दिसंबर को लोकसभा में एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना से सांसद धैर्यशील माने ने भी इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के मराठी भाषाई क्षेत्रों में विरोध हो रहा है, आंदोलन हो रहे हैं तथा वहां 'आतंक का माहौल' है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक के सीएम ऐसे बयान दे रहे हैं, जिससे लोग डर रहे हैं एवं कानून व्यवस्था की परेशानी पैदा हो गई है। वहीं महाराष्ट्र के विपक्ष का कहना है कि सरकार विपक्ष को सदन में बोलने नहीं दे रही है। साथ ही महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर शिंदे सरकार का किरदार भी स्पष्ट नहीं है। लालू पर मंडराया एक और बड़ा खतरा! भ्रष्टाचार के मामले में CBI ने फिर खोली फाइल राहुल गांधी 'श्री राम' हैं और हर कांग्रेसी भरत ! कांग्रेस के मुस्लिम नेता ने खेला हिंदुत्व कार्ड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नाटक कैबिनेट में फिर होगा बदलाव ? दिल्ली पहुंचे सीएम बोम्मई