Google doodle में नज़र आई एलेना कॉर्नारो पिस्कोपिया, जानिए उनके बारें मे विशेष बाते

आज एक महिला की तस्वीर सर्च इंजन कंपनी गूगल ने अपने होमपेज पर लगाते हुए डूडल बनाया है और इन महिला का नाम है एलेना कॉर्नारो पिस्कोपिया. दुनिया की पहली पीएच.डी डिग्री धारक महिला एलेना के 373 जन्मदिन पर गूगल ने यह डूडल बनाया है. एलेना को हेलेन कॉर्नारो के नाम से भी जाना जाता है और एक दार्शनिक के रूप में भी पहचान मिली है. इतना ही नहीं, संगीत और भाषा विज्ञान जैसे विषयों में भी उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किए. कहा जाता है  कि एलेना उन शुरुआती महिलाओं में से एक थीं, जिन्होंने विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की थी. इटली के वेनिस में 5 जून 1646 को जन्मी एलेना ने 1678 में अपनी पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की. अपने माता-पिता की तीसरी संतान एलेना के पिता का नाम जियानबेटिस्टा कॉर्नारो पिस्कोपिया और मां का नाम जानेटा बोनी था. इनकी मां खेती करती थीं और बाद में मुख्य शहर भुखमरी से बचने के लिए चली गईं.

इनके माता-पिता ने एलेना के जन्म के बाद 1654 में शादी की और बाद में वह राजवंश परिवार की सदस्य बनीं. पढ़ाई में हमेशा से ही एलेना की रुचि रही और वह प्रतिभा की धनी थीं. उनके परिवार के एक दोस्त प्रीस्ट जियोवानी फैब्रिस की सलाह पर एलेना को पढ़ने भेजा गया. महज सात साल की उम्र तक एलेना ने लैटिन और ग्रीक भाषाओं के अलावा फ्रेंच और स्पेनिश भाषाएं भी सीख ली थीं. हर्ब्रू और अरबी में भी दक्षता हासिल करने के बाद उन्हें 'ओराकुलम सेप्टिलिंगु' की उपाधि दी गई.

अपना वक्त गणित, दर्शन और धर्म से जुड़े अध्ययन में देने वाली एलेना को संगीत में भी विशेष रुचि थी. संगीत के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और कई वाद्य यंत्र बजाने में महारत हासिल की. वीणा, वायलिन, हार्प्सिकॉर्ड और क्लाविकॉर्ड बजाना सीखने के बाद उन्होंने कई धुनें भी बनाईं. भौतिकी, खगोल विज्ञान और भाषा विज्ञान में भी उन्होंने खुद को साबित किया और आखिरी सात साल शिक्षा और चैरिटी के नाम 26 जुलाई, 1684 में मृत्यु से पहले उन्होने अपने जीवन के कीमती दिन किए थे.

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