नागपुर। अब जिला परिषद और अन्य नगरीय निकाय में उम्मीदवार के तौर पर चुनाव में भागीदारी करने वाले नेताओं का दल बदलना आसान नहीं होगा। यदि किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रत्याशी चुनाव जीत लेता है और फिर वह किसी और दल की सदस्यता ले लेता है तो उसे अपात्र कर दिया जाएगा। और ऐसा करते पाए जाने पर राजनेता को 6 वर्ष तक चुनाव से दूर रखा जा सकता है। दरअसल दलबदल कानून के तहत इन नेताओं पर कार्रवाई होगी। महाराष्ट्र राज्य में स्थानिक प्राधिकरण सदस्य अपात्रता संशोधन अधिनियम 2016 को राज्यपाल के पास भेजा गया है। यदि राज्यपाल इसे स्वीकृत कर लेते हैं तो फिर किसी भी दल के नेता के लिए स्थानीय निकाय स्तर पर दल बदलना आसान नहीं होगा। इस मामले में यह बात सामने आई है कि विधान परिषद में मानसून सत्र के दौरान दलबदल कानून लागू करने का विधेयक मंजूर हो गया था। अब इसे विधानसभा में स्वीकृति मिल गई है। मुंबई में विधानसभा में स्वीकृति मिलने के बाद अब यह विधान मंडल से राज्य पाल के पास अंतिम रजामंदी के लिए भेजा गया है। शरद के नेतृत्व में कांग्रेस को मिली निकाय चुनाव में जीत पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने की 61 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी