नईदिल्ली। निर्मला सीतारमन ने रक्षामंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने के बाद ही अपना पदभार संभाल लिया था लेकिन उनके लिए मंगलवार बेहद अहम रहा। दरअसल मंगलवार की प्रातः 10 बजे उन्होंने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने सीमा क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के हालात जाने। उन्होंने जहाॅं समुद्री सुरक्षा पर चर्चा की तो दूसरी ओर सीमा क्षेत्र की सिक्योरिटी पर भी बात की। निर्मला सीतारमन ने सीमा क्षेत्र के निरीक्षण को लेकर बात भी की। जिसमें तीनों सेनाओं और कोस्ट गार्ड से ऐसे सभी बेसों और जगहों की जानकारी मांगी गई जहां रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन को ले जाया जा सकता है। रक्षा उपकरणों की खरीद को लेकर, रक्षा खरीद परिषद की बैठक का आयोजन भी होगा। यह बैठक रक्षामंत्री के नेतृत्व में पहली बार होगी। उल्लेखनीय है कि आगामी एक साल में रक्षा मंत्री ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात के कच्छ से लेकर उत्तर पूर्व में अरुणाचल बॉर्डर तक तीनों सेनाओं के हर बेस में जाने का लक्ष्य रखा है। वे कच्छ क्षेत्र और उत्तर लाई एयर बेस का दौरा कर चुकी हैं। निर्मला सीतारमन ने सेना की आवश्यकता पर चर्चा की। यह चर्चा रक्षा सचिव संजय मित्रा के साथ हुई। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तीनों सेना के लिए जो भी सामग्री आवश्यक हो उसकी खरीदी की जाए। इसमें कोई विलंब न हो। उन्होंने यह सुनिश्चित कर दिया है कि तीनों ही सेनाओं के प्रमुखों के साथ वे बैठक लेती रहेंगी और यह प्रति सप्ताह के आधार पर होगी। देश को मिला रक्षामंत्री के तौर पर महिला नेतृत्व रक्षा मंत्री का बड़ा एलान- सेना में 800 महिलाओं की होगी भर्ती निर्मला सीतारमन बनीं रक्षामंत्री, बदला उमा भारती का भी विभाग