रक्षामंत्रालय के एक आदेश ने उड़ाई सैन्यकर्मियों की नींद, बंद होंगी गौशालाऐं

नई दिल्ली। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि गाय और गौवंश को पालने का कार्य भारतीय सेना का भी है। मगर अब भारतीय सेना के इस कार्य में लगे कर्मचारियों में कुछ मायूसी छाई हुई है। दरअसल ऐसा हुआ है रक्षा मंत्रालय के एक निर्णय से। जी हाॅं, केंद्र सरकार के इस निर्णय से रक्षा क्षेत्र के कर्मचारी सहमत नहीं हैं। मिली जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय द्वारा देश की करीब 39 सैन्य फर्म को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

भारतीय सेना की देशभर में मौजूद 39 सैन्य फर्म को बंद करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश रक्षामंत्रालय ने दिया है। मगर सरकार के इस निर्णय पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यदि सेना की गौशालाऐं बंद कर दी जाऐंगी तो फिर यहाॅं काम करने वाले कर्मचारी बड़े पैमाने पर बेरोजगार हो जाऐंगे।

दरअसल कैबिनेट की जिस कमेटी ने सैन्य गौशालाऐं बंद करने का निर्देश दिया है उसने कहा है कि अब सेना के लिए दूध डेयरी से दूध खरीदा जाए। इन सैन्य गोशालाओं की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी। सबसे पहली सैन्य गोशाला 1889 में इलाहबाद में खोली गई थी।

वर्तमान सैन्य गोशालाएं अंबाला हरियाणा, बैंगडुबी नोर्थ बंगाल, झांसी, कानपुर,लखनऊ, मेरठ, पिमप्री महाराष्ट्र, पानागढ़ बंगाल, और रांची के साथ अन्य स्थानों पर हैं। फेडरेशन ने कहा कि सरकार के इस फैसले से अब भारत की सबसे अच्छी नस्ल की गायों के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। ये गाय सबसे ज्यादा दूध देती हैं। बता दें कि सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब मोदी सरकार गायों की सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरे में बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने इस मामले में अनभिज्ञता जताई है। मगर ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ डिफेंस वर्कर ने इसपर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि जिन गौशालाओं में लगभग 20 हजार गायें हैं वहां कार्य करने वाले कर्मचारियों का आखिर क्या होगा।

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