नई दिल्लाी: भारत ने रक्षा ताकत की तरफ एक और कदम बड़ा दिया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने रूस में प्राथमिक हथियार के रूप में रूस में दो भारतीय जहाजों के निर्माण के साथ ब्रह्मोस मिसाइलों सहित 3000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद को मंजूरी दे दी है। वहीं डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित बख्तरबंद वसूली वाहन और सेना के एमबीटी अर्जुन की खरीद के लिए भी मंजूरी दी गई है। मवेशियों के हमले से हुई किसान की मौत यहां बता दें कि अमेरिका उन देशों पर बारीकी से नजर रखे हुए है जो रूस से हथियार खरीद रहे हैं। वहीं कई देशों पर उसने आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए हुए हैं। बता दें कि अमेरिकी धमकी के बावजूद भारत रूस के साथ अपने द्वीपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने में लगा हुआ है। इसके साथ ही भारत रूस के साथ कई हथियार सौदों पर हस्ताक्षर करने वाला है। इसी सिलसिले में पिछले महीने ही सेनाध्यक्ष बिपिन रावत रूस की यात्रा पर गए थे। Hornbill Festival : 1 पक्षी के नाम पर मनता है 10 दिनों तक जश्न, जानिए और भी दिलचस्प बातें... गौरतलब है कि इससे पहले भारत और रूस के रिश्तों की झलक उस वक्त देखने को मिली थी जब दोनों देश की सेनाओं ने साथ मिलकर सैन्य अभियास किया था। वहीं रूस सैन्य टुकड़ी का चीन बार्डर पर तैनाती का विशेष अनुभव है। लिहाजा उसके अनुभवों से भारतीय सेना का चीन के संबंध में अधिक अनुभवी और कुशल होना तय है। वहीं बता दें कि इस अभ्यास से विश्व फलक पर आतंकवाद और उसे प्रश्रय देने वाले संगठनों व देशों का मनोबल भी टूटेगा। इसके साथ ही बता दें कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद 21वीं सदी की बड़ी चुनौती है। इसके लिए दोनों सशस्त्र सेनाएं अपने रणकौशल, अनुभव, क्षेत्र विशेष की केस स्टडी को साझा किया। खबरें और भी आईओसी करेगी फैसला टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी शामिल होगी या नहीं शिवसेना ने कहा- मराठा आरक्षण पर न हो राजनीति देवरिया शेल्टर होम के बाद अब यूपी के आवासीय बालिका विद्यालय से गायब हुई 7 बच्चियां