नई दिल्ली: रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में सेनाओं के आधुनिकीकरण और संचालनात्मक आवश्यकताओं के लिए 13165 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद प्रस्तावों को आरंभिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इसमें से 87 प्रतिशत यानी लगभग 11486 करोड़ रुपये की खरीद स्थानीय स्रोतों से की जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में बुधवार को हुई मीटिंग में इसे हरी झंडी दी गई। जिन सैन्य उपकरणों की खरीद के लिए स्वीकृति दी गई है, उनमें 25 आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) और रॉकेट के लिए गोला-बारूद शामिल है। विमानों का निर्माण देश में ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा बाई इंडियन श्रेणी में किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि राकेटों के लिए 4962 करोड़ रुपये के गोला बारुद की घरेलू खरीद को भी स्वीकृति दी गई है। मंत्रालय ने कहा कि हेलीकॉप्टर खरीदने का खर्च 3,850 करोड़ रुपये आंका गया है। वहीं रॉकेट के गोला-बारूद की एक खेप खरीदने में 4,962 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि DAC ने भारतीय सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी आवश्यकताओं और आधुनिकीकरण के लिए तक़रीबन 13,165 करोड़ रुपये के पूंजी अधिप्राप्ति प्रस्तावों के लिहाज से अनिवार्यता स्वीकृति प्रदान की। कुल स्वीकृत राशि में से 11,486 करोड़ रुपये (87 फीसद) की खरीद घरेलू स्रोतों से होनी है। मंत्रालय ने बताया कि इसके साथ ही DAC ने रक्षा खरीद प्रक्रिया 2020 के कुछ संशोधनों को भी मंजूरी दे दी। जल्द सिर्फ तीन घंटे में पूरा होगा मुंबई और हैदराबाद का सफर अगले कुछ दिनों में सस्ता होगा सोना चांदी! बाजार बंद: सेंसेक्स में आई इतने अंको की गिरावट