नईदिल्ली: वातावरण में वायु प्रदूषण लगातार ही बढ़ता जा रहा है और वर्तमान समय में तो ये इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों का सांस लेना भी दूभर हो गया है। क्या आप जानते हैं कि बाहर की अपेक्षा आप अपने घर में ही वायु प्रदूषण से ग्रसित हैं। 10 से 30 प्रतिशत अधिक वायु प्रदूषण आपके अपने घरों में ही होता है। घरों के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो सकती है। प्रदूशित वायु से अस्थमा पीड़ित युवाओं और बुजुर्गों के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल घरों में दिन के दौरान ही वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा होता है और इस वक्त बाहर की अपेक्षा घर के अंदर वायु प्रदूषण बढ़ता है। घरों में वैक्यूमिंग, खाना पकाने, धूल झाड़ने या कपड़ों का ड्रायर चलाने जैसे कामों के कारण वायु प्रदूषण हो सकता है, घर के अंदर वायु प्रदूषित होने पर लोगों में अस्थमा जैसी बीमारियां और डस्त इंफेक्शन भी होता है। एक अध्ययन के अनुसार पता चला है कि बाहर की अपेक्षा लोगों के घरों में ही वायु प्रदूषित रहती है 10 से 30 गुना ज्यादा वायु प्रदूषण घरों में ही होता है। हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ.के.के. अग्रवाल ने कहा है कि वायु प्रदूषण एक ऐसा हत्यारा है जो लोगों में रोजमर्रा की वस्तुओं, घरेलू चीजों जैसे पेंट, पालतू जानवरों से एलर्जी और कुकिंग गैस आदि से वायु प्रदूषण हो सकता है। गौरतलब है कि आम आदमी के जीवन में वायु के बिना कुछ भी संभव नहीं है और वह जिंदा रहने के लिए सांस लेगा ही, इसके लिए वायु प्रदूषण से आपको सुरक्षा करनी चाहिए क्यूंकि श्वसन से संबंधी रोगों के लिए साफ वातावरण का होना वेहद जरूरी है। वहीं डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि घर के अंदर वायु प्रदूषण की समस्या से निजात पाना इतना आसान नहीं है, लेकिन इसके समाधान हेतु घर की खिड़कियों को खोला जाए और इनडोर प्रदूषकों को बाहर निकलने दिया जाए, इसके अलावा जो शहर प्रदूषण से भरे हैं उनमें ये कर पाना काफी मुश्किल है। खबरें और भी फिर जहरीली हुई दिल्ली की हवा अंबानी के 27 मंजिला घर में नहीं है AC , वजह कर देगी हैरान घाटी में अभी भी 300 आतंकी सक्रिय, 250 से ज्यादा घुसपैठ की फिराक में : सेना