नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र ख़त्म हो चुका है. मॉनसून सत्र के आखिरी दिन विधानसभा ने कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव पारित कर दिया. यह प्रस्ताव सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के MLA जरनैल सिंह ने सदन के पटल पर रखा था. आप MLA जरनैल सिंह ने कहा कि आठ माह से किसान कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. जरनैल सिंह ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस दौरान 600 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है, किन्तु पीएम मोदी ने अभी तक संवेदना तक प्रकट नहीं की. किसानों ने सुसाइड नोट लिखकर ख़ुदकुशी की है. सरकार की सभी किसानों से उनकी जमीन छीनकर उन्हें राशन की दुकान पर कतार में लगाने की योजना है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में ये बिल कैसे पारित किए गए ये सभी ने देखा है. जरनैल सिंह ने कहा कि इस सिस्टम पर शर्म आता है, जो अपने लोगों के बारे में ही नहीं सोचता. देश की महिलाओं ने पहली बार जंतर मंतर पर संसद भी लगाई है. ये सदन (दिल्ली विधानसभा) इस बात की अनुशंसा करता है कि केंद्र सरकार किसानों के साथ चर्चा करे. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के MLA और नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि ये तीन कृषि कानून पारित किए गए, उनमें से एक कानून को अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने भी मंजूरी दी थी. इस कानून से कृषि उत्पादन बढ़ेगा, किसान समृद्ध होंगे और मंडी में भी प्रोडक्शन बढ़ेगा. नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद कृषि उत्पादन बढ़ा है. आमदनी दोगुनी हुई है. उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि ग्रामसभा की जमीन पर कोई इंडस्ट्री विकसित करके व्यापार न करे. राज कुंद्रा की गिरफ्तारी पर बोले भाजपा प्रवक्ता राम कदम- क्यों हो रही है 5 महीने की देरी? उप प्रधानमंत्री का बड़ा बयान, कहा- "थाईलैंड कोविड में तेजी के बीच..." महज 10वीं तक पढ़े हैं झारखंड के शिक्षा मंत्री महतो, बोले- अगर जिन्दा रहा तो इंटर की परीक्षा दूंगा