दिल्ली बीजेपी इकाई के एक धड़े के नेताओं ने शाहीनबाग के अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ मेंबर्स के पार्टी में सम्मिलित होने पर ‘नाराजगी’ जाहिर की है. दिल्ली भारतीय जनता पार्टी इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता इन लोगों को पार्टी में सम्मिलित कराने वाले पार्टी कार्यालय में रविवार को हुए कार्यक्रम में मौजूद थे. वह इस पर टिप्पणी करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके. इस साल की शुरुआत में शाहीन बाग शहर में संशोधित नागरिकता कानून के विरूध्द हो रहे विरोध प्रदर्शनों का केंद्र था. हिमाचल में मंत्री की विजिलेंस जांच से मचा सियासी हड़कंप दिल्ली बीजेपी के एक शीर्ष नेता ने बताया, ‘‘ इन लोगों के सम्मिलित होने से पार्टी को असहज परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है, न सिर्फ इसलिए कि यह इलाके सीएए विरोधी प्रदर्शनों का गढ़ था बल्कि इसे उत्तर पश्चिमी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों से भी जोड़ा जाता है.’’ एक अन्य नेता ने दावा किया कि पार्टी में इन लोगों को सम्मिलित करने का निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को भी पसंद नहीं आया. अर्जेंटीना में बर्दाश्त के बाहर हुआ कोरोना, संक्रमित हुआ अर्जेंटीना का कोना कोना उन्होंने बताया, ‘‘दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों को राष्ट्रीय नेतृत्व ने बुलाया और आगे से ऐसी भारी राजनीतिक भूल नहीं करने के संबंध में सचेत किया. वे इस बात से खफा थे कि इस तरह के संवेदनशील मामले को उनके संज्ञान में पहले क्यों नहीं लाया गया.’’ दिल्ली भाजपा की नेता निगत अब्बास की इन लोगों को पार्टी में शामिल कराने में भूमिका थीं. उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के वरिष्ठ नेताओं या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है.बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने बीते रविवार को एक एक्टिविस्ट शहज़ाद अली, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. महरीन और आम आदमी पार्टी की पूर्व कार्यकर्ता तबस्सुम हुसैन सहित करीब 200 लोगों को पार्टी सदस्य के तौर पर शामिल किया था. तबसे खलबली मची है. वजह यह है कि खास तौर से अली को शाहीन बाग विरोध प्रदर्शनों का एक आयोजक बताकर कहा गया है कि शाहीन बाग विरोध के पीछे रहे 'एजेंडे' का पर्दाफाश हो गया है. ईरान के वैश्विक प्रतिबंधों के केस में अकेला हुआ अमेरिका 2 वर्ष से भी कम वक़्त में समाप्त हो जाएगा कोरोना, WHO ने कही ये बात कांग्रेस ने की KCR के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज करने की मांग