नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक कोर्ट ने शुक्रवार (6 मई) को राजधानी में 2020 में हुए हिंदू विरोधी दंगों के संबंध में AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। अदालत ने कहा है कि ताहिर हुसैन दंगों में सक्रिय भागीदार था न कि मूकदर्शक। बता दें कि, अदालत करण नामक एक व्यक्ति द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। करण का दिल्ली के खजूरी खास इलाके के चांद बाग में एक गोदाम था, जिसे ताहिर हुसैन की अगुवाई में उन्मादी भीड़ ने तबाह कर दिया गया था। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने कहा कि, 'वहाँ ताहिर हुसैन के घर से पत्थर और बम आदि फेंके जा रहे थे, हुसैन मूकदर्शक नहीं, बल्कि दंगों में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहा था और गैरकानूनी रूप से लोगों को जुटाए गए अन्य लोगों को दूसरे समुदाय से संबंधित व्यक्तियों को सबक सिखाने के लिए भड़का रहा था।' अदालत ने आगे कहा कि हुसैन और 5 अन्य अर्थात् शोएब, गुलफाम, जावेद, फिरोज और अनस के बीच हिंदू समुदाय से जुड़ी संपत्तियों की आगजनी और तोड़फोड़ करने का समझौता था। आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ने यह सुनिश्चित करने के लिए ‘विस्तृत तैयारी’ की थी कि उनकी योजना वास्तविकता बन जाए। जज बोले कि, 'उपरोक्त परिस्थितियाँ कहीं भी यह संकेत नहीं देती हैं कि यह एक अचानक हुआ कृत्य था, बल्कि यह साफ़ तौर प्रकट करता है कि आरोपी ताहिर हुसैन की इमारत ई-17 से हिंदू समुदाय की संपत्तियों में तोड़फोड़ और आगजनी करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस मकसद को पूरा करने के लिए विस्तृत तैयारी की गई थी।' कोर्ट ने IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा), 148 (सशस्त्र दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 395 (डकैती) और 427, 435 और 436 के तहत 6 लोगों पर आरोप निर्धारित किए हैं। ताहिर हुसैन पर IPC की अन्य धाराओं के साथ ही धारा 109 और 114 का भी आरोप लगाया गया है। बता दें कि, दिल्ली में 2020 में भड़के हिन्दू विरोधी दंगो में लगभग 53 लोगों को मार डाला गया था और 250 से अधिक घायल हुए थे। इन्ही दंगों में IB अफसर अंकित शर्मा को भी 400 बार चाक़ू घोंपकर मार डाला गया था, जिनका शव ताहिर हुसैन के घर के पास से मिला था। सीनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी में इन शहरों की टीमों ने किया कमाल भारतीय रेल के वायरल वीडियो से पता चला कि क्यों नहीं खींचनी चाहिए ट्रेन की अलार्म चेन गिरफ्तार होंगे राज ठाकरे ? महाराष्ट्र की कोर्ट ने जारी किया गैर-जमानती वारंट