नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट मंगलवार को महरौली में कुतुब मीनार (Qutub Minar) परिसर में हिंदू और जैन देवी-देवताओं की बहाली और पूजा के अधिकार की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी। इस मामले में वकील हरि शंकर जैन और वकील रंजना अग्निहोत्री (जैन देवता तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव और हिंदू देवता भगवान विष्णु की तरफ से अगले मित्र) के जरिए मुकदमा दाखिल किया गया है। मुकदमे में दावा किया गया है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा प्रदर्शित एक संक्षिप्त इतिहास बताता है कि आक्रमणकारी मोहम्मद गौरी की फ़ौज में कमांडर कुतुबदीन ऐबक द्वारा 27 मंदिरों को तोड़ा गया था और कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद को परिसर के भीतर बनाया गया था। मुकदमें में दावा किया गया है कि कुतुब मीनार परिसर में हिंदू देवताओं और श्री गणेश, विष्णु और यक्ष जैसे देवताओं की स्पष्ट तस्वीरें और मंदिर के कुओं के साथ कलश और पवित्र कमल जैसे कई प्रतीक मिले हैं, जो इस इमारत के हिंदू मूल को प्रदर्शित करते हैं। यह भी कहा गया है कि यहां ध्रुव / मेरुध्वज / के परिसर के अंदर भगवान विष्णु और भगवान ऋषभ देव, भगवान शिव, भगवान गणेश, भगवान सूर्य, और देवी गौरी और जैन तीर्थंकरों के साथ ही नक्षत्रों के साथ विशाल और ऊंचे हिंदू और जैन मंदिर मौजूद थे। मेरु टॉवर को अब कुतुब मीनार / कुतुब टॉवर कहा जाता है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 17 मई को कुतुब मीनार परिसर में 27 हिंदू और जैन मंदिरों की बहाली के बारे में एक अपील पर सुनवाई 24 मई तक के लिए टाल दी थी। बिहार में अगले 72 घंटों में क्या होगा ? CM नितीश का आदेश- कोई भी विधायक 'पटना' से बाहर न जाए 'क़ुरान घर में पढ़ाएं, मदरसों को ख़त्म कर देना चाहिए...', असम CM बोले- मुस्लिमों को अच्छी शिक्षा चाहिए 'नाराज़' आज़म खान को मनाने में जुटे अखिलेश यादव, बोले - उनके साथ खड़ी है पूरी समाजवादी पार्टी