नई दिल्ली: दिल्ली की एक कोर्ट ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल को नसीहत दी है कि वो किसी धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए IMA प्लेटफॉर्म का उपयोग न करें। हालाँकि, अदालत ने साथ ही उस याचिका को निरस्त कर दिया, जिसमें हिन्दू धर्म के अपमान के लिए उनके खिलाफ मानहानि का केस चलाने की अपील की गई थी। एडिशनल सेशन जज अजय गोयल ने ये फैसला सुनाया है। उन्होंने विगत गुरुवार को सुनाए गए फैसले में रोहित झा नामक व्यक्ति द्वारा दाखिल किए गए शूट को डिसमिस कर दिया। ASJ गोयल ने अपने आदेश में लिखा कि, “मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा, सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा”। जज ने कहा कि इक़बाल द्वारा लिखे गए इस तराने में जो ‘हिन्दी’ शब्द है, वो हिन्दुओं की नहीं बल्कि सारे हिन्दुस्तानियों की बात करता है, भले ही उनका जाति-मजहब अलग हो। जज गोयल ने आगे लिखा कि यही तो सेक्युलरिज्म की ख़ूबसूरती है। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टर JA जयलाल ने सुनवाई के दौरान आश्वासन दिया है कि वो आगे इस प्रकार की गतिविधियों (IMA के माध्यम से ईसाई मजहब के प्रचार-प्रसार) में लिप्त नहीं रहेंगे, इसीलिए उनके खिलाफ कोई आदेश देने की आवश्यकता नहीं है। इन्दौर में करवाया गया 86 थर्ड जेण्डरो का वैक्सीनेशन आमजन को राहत! पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर आज लगा ब्रेक, जानिए क्या है भाव विश्व पर्यावरण दिवस आज, जानिए इसका इतिहास और महत्व