नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से रिकवर हुए मरीज भी परेशान हो रहे हैं. इसके कुछ ताजा केस सामने आए हैं. राजधानी दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में छह ऐसे केस मिले हैं, जो साइटोमेगालो वायरस (CMV) की चपेट में आ गए हैं. उन्हें साइटोमेगालो वायरस के संबंध में कोरोना होने के 20-30 दिनों के बाद पता चला. इतने दिनों में अकसर कोरोना संक्रमण रिकवर हो जाता है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अपोलो हॉस्पिटल में एडमिट इन मरीजों को कोरोना के गंभीर लक्षण देखे गए थे. फिर इन्होंने जब कोरोना से रिकवर होने के लिए स्टेरॉयड की हेवी डोज ली थी, इससे वे कोविड नेगेटिव तो हो गए किन्तु उनमें साइटोमेगालो वायरस (CMV) के लक्षण नज़र आने लगे. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट (रेस्पिरेटरी, क्रिटिकल केयर और स्लीप मेडिसिन) डॉ अतहर अंसारी ने बताया कि, 'पिछले महीने, हमने कोरोना संक्रमण के बाद छह मरीजों में सीएमवी बीमारी का पता लगाया था, जो विभिन्न स्वरूपों के साथ सामने आया था. उन्होंने बताया कि CMV के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि शरीर का कौन सा अंग प्रभावित हो रहा है. यदि यह सीधे फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है तो मरीज को बुखार होगा, सांस लेने में समस्या होगी, सीने में दर्द या खांसी होगी.' बता दें कि साइटोमेगालो वायरस (cytomegalovirus) के लक्षणों में बुखार, थकान के साथ गंभीर लक्षण भी हो सकते हैं. इसमें आंख, दिमाग या शरीर के किसी आंतरिक अंग को भी नुकसान हो सकता है. या यह भी हो सकता है कि कोई अलग लक्षण नज़र ही नहीं आए. अपोलो में जो मरीज एडमिट हुए उनको हाइपोक्सिया, फेफड़ों और लीवर में सूजन जैसी समस्या आ रही थीं. इस राज्य में जल्द खुलेंगी आईटी कंपनियां क्या आपके पास भी है बिना हिसाब-किताब वाला बहुत सारा धन? तो हो जाइये सावधान वरना... वित्त मंत्रालय ने 17 राज्यों को जारी किया 9,871 करोड़ रुपये का PDRD अनुदान