नई दिल्ली: दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार ने ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 4,000 करोड़ रुपये देने से मना कर दिया है. शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण को लेकर शीर्ष अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा कि हाइवे के निर्माण के लिए हमसे 4,000 करोड़ रुपये की आशा ना की जाए. दिल्ली सरकार ने कहा कि ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए 2005 में 400 करोड़ रुपये दिए और उसके बाद 300 करोड़ रुपये और दिए गए. केजरीवाल सरकार वर्ष 2015 तक ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के लिए 700 करोड़ रुपये से अधिक दे चुकी है और अब और अधिक पैसा नहीं दे सकती हैं. दिल्ली सरकार का कहना है कि जब यह परियोजना बनी था, उस वक़्त इसकी अनुमानित लागत 800 करोड़ रुपये की थी, किन्तु अब इसकी लागत 8000 करोड़ रुपये हो गई है. केजरीवाल सरकार ने कहा कि इसका उपयोग उत्तर प्रदेश और हरियाणा भी कर रहे है और इसके कॉमर्शियल इस्तेमाल से होने वाली इनकम का 50 प्रतिशत हिस्सा हमको दिया जाए, तो हम इस पर आधी रकम दे सकते हैं. दिल्ली सरकार ने कहा कि यदि हमको ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के कॉमर्शियल यूज से होने वाली आमदन का 50 प्रतिशत नहीं दिया जाता है, तो हमको इसके निर्माण के लिए पैसा देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार इस पर आवेदन दाखिल करे. हम इस पर विचार करेंगे. अब सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए होगी SPG सुरक्षा, इसी सत्र में विधेयक ला सकती है मोदी सरकार लोकसभा में बोले पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर, कहा- सात पेड़ लगाएं और बना लें अपना ऑक्सीजन बैंक बीएमसी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में भाजपा की हार, शिवसेना ने जमाया कब्ज़ा