नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री के प्रवाह से अमोनिया का स्तर बढ़ने के मामले में चिंताओं पर ध्यान देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने हरियाणा की खट्टर सरकार और उसके सिंचाई तथा जल संसाधन विभाग के जवाब पर सर्वोच्च न्यायालय में रिजॉइंडर हलफनामा दाखिल किया। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े के नेतृत्व वाली बेंच ने 26 मार्च को हरियाणा सरकार तथा अन्य को निर्देश दिया था कि दिल्ली को यमुना नदी के जल की आपूर्ति पर यथास्थिति बनाकर रखी जाए। इस तरह अदालत ने साफ कर दिया था कि राजधानी को जल की सप्लाई में कमी नहीं होनी चाहिए। इस साल जनवरी में शीर्ष अदालत का रुख करने वाली 'आप' सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के जरिए हरियाणा को ये निर्देश देने का आग्रह किया है कि यमुना में अशोधित प्रदूषणकारी सामग्री और जल का प्रवाह रोका जाए तथा जल संकट का सामना कर रही दिल्ली को पर्याप्त जल की आपूर्ति की जाए। दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य अभियंता एम.के. हंस के जरिए दाखिल रिजॉइंडर हलफनामे में हरियाणा और उसके संबंधित विभाग के पूरे जवाब को असमंजस में की गई कवायद बताया है। जानिए आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आया क्या बदलाव? एलआईसी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर: वेतन संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली विजय वर्मा अभिनीत फिल्म 'ओके कंप्यूटर' अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव रॉटरडैम में हुई शामिल