नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ब्लैक फंगस की दवा की परेशानी और मरीजों को हो रही मुश्किलों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दुःख जाहिर किया है। अदालत ने बोला है कि, 'हम इस नरक में जी रहे हैं। हर कोई इस नरक में जी रहा है। यह एक ऐसी स्थिति है, जहां हम मदद करना चाहते हैं, लेकिन हम असहाय हैं।' केंद्र ने दवा प्राप्त करने और इसकी कमी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट बनाकर सौपी जा चुकी है। उच्च न्यायालय ने केंद्र को दवाओं के आयात की मौजूदा स्थिति और खेप के कब तक आने का अनुमान है, इस पर आगे विवरण पेश करने का निर्देश दिया। ब्लैक फंगस से संक्रमित दो मरीजों के लिए दवा मुहैया कराने के निर्देश की अपील वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अदालत ने स्थिति पर लाचारी व्यक्त की और कहा कि वह किसी खास मरीज के लिए कोई आदेश जारी नहीं कर सकता कि दूसरों के बजाए उसे उपचार में प्राथमिकता दी जाए। वकील राकेश मल्होत्रा ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए दवाओं की किल्लत का मुद्दा उठाते हुए बोला कि इस संक्रमण से ग्रस्त रोगियों का आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने बोला, 'केंद्र गवर्नमेंट ने एक रिपोर्ट पेश कर आयात की मौजूदा स्थिति से अवगत करवा चुके है। इस पर सोमवार को विचार करने की बात कही है। यह इंगित करना होगा कि 2.30 लाख शीशियां कब पहुंच रही है और क्या दवा की अधिक उपलब्धता है ताकि इसे आयात किया जा सके।' अदालत ने कोरोना महामारी से जुड़े कई मामलों पर 6 घंटे तक सुनवाई की। अदालत ने केंद्र से 31 मई को ठोस बयान के साथ आने को बोला है कि इन 2.30 लाख शीशियों का क्या होगा और ये भारत कितने दिन में पहुंचने वाली है। जिसके लिए ऑर्डर दिया गया है या नहीं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि 28 मई को सुबह 9 बजे तक म्यूकरमायकोसिस (ब्लैक फंगस) के 14,872 उपचाराधीन मरीज हैं और जिसमे 423 मरीज दिल्ली में हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, रूस, जर्मनी, अर्जेन्टीना, बेल्जियम और चीन से लिपोसोमल एमफोटेरिसिन-बी की 2,30,000 शीशियों को खरीदने को लेकर कदम उठाने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से बात की है। यास तूफान के कारण मनुष्यों के साथ-साथ जहरीलें सांप भी निकले घर से बाहर, पानी में तैरते आए नजर पीएम मोदी ने की टीआरएस सांसद संतोष की 'ग्रीन इंडिया चैलेंज' पहल की तारीफ, कहा- बेहद ख़ुशी हुई... घर के आंगन में भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए ये पांच पौधे, परिवार में बढ़ता है क्लेश