नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार और पुलिस को गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी में हुई हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में कानून के अनुसार, कार्रवाई करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने गणतंत्र दिवस पर हुए प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 जनवरी से पुलिस द्वारा कथित तौर पर अवैध हिरासत में लिए गये लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (PIL) खारिज करते हुए यह निर्देश जारी किया। कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए यह भी कहा कि यह प्रचार पाने के उद्देश्य से दाखिल की गई याचिका प्रतीत होती है। विधि स्नातक याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि उन्हें खबरों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से यह पता चला है कि लोगों को सिंघू, गाजियाबाद और टीकरी बॉर्डर से हिरासत में लिया गया है। हरमन प्रीत सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दिल्ली पुलिस ने 27 जनवरी को कहा था कि उसने देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के सिलसिले में 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है और अब तक 22 FIR भी दर्ज की गई हैं। यह याचिका वकील अशिमा मंडला और मंदाकिनी सिंह के मार्फत दायर की गई थी। 1197 अंक की बढ़त पर बंद हुआ सेंसेक्स, 14647 के स्तर से ऊपर पहुंचा निफ्टी गंगा बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब Budget 2021: अब केंद्र की इजाजत के बगैर अधिक क़र्ज़ ले सकेंगे राज्य, बजट में हुई बड़ी घोषणा